मनीषा शर्मा। महाशिवरात्रि का पावन पर्व पूरे देश में भक्तिभाव और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। भगवान शिव की आराधना के इस विशेष दिन पर शिवालयों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। श्रद्धालु पूरे विधि-विधान के साथ शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं। मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’ और ‘ऊं नम: शिवाय’ के जयकारों से गूंज उठे हैं।
इस अवसर पर शिवालयों को फूल मालाओं और विशेष लाइटिंग से भव्य रूप से सजाया गया है। जयपुर के प्रसिद्ध ताड़केश्वर महादेव मंदिर और झारखंड महादेव मंदिर में मंगलवार रात से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। चौड़ा रास्ता स्थित प्राचीन ताड़केश्वर महादेव मंदिर के पट सुबह 4 बजे खुले, जिसके बाद मंगला आरती की गई और फिर जलाभिषेक शुरू हुआ। भक्त पूरी श्रद्धा के साथ दूध-दही से भगवान ताड़केश्वर का अभिषेक कर रहे हैं और बेलपत्र, धतूरा, फूल चढ़ाकर मनोकामनाएं मांग रहे हैं।
महाकुंभ के जल से हो रहा अभिषेक
इस वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर जयपुर के सोडाला स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में एक अनूठी पहल की गई है। श्री धर्म फाउंडेशन की ओर से संगम नगरी प्रयागराज से महाकुंभ का पवित्र 42,000 लीटर जल लाया गया है। यह जल भगवान भोलेनाथ के अभिषेक के लिए उपयोग किया जा रहा है।
जो श्रद्धालु किसी कारणवश महाकुंभ में स्नान करने नहीं जा पाए, उनके लिए मंदिर परिसर में ही स्नान की विशेष व्यवस्था की गई है। भक्त पहले इस पावन जल में स्नान कर सकते हैं और फिर महाकुंभ के जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं।
शिव आराधना से मिलेगा अक्षय पुण्य
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है। इस दिन व्रत रखने, रात्रि जागरण करने और शिव कथा सुनने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मंदिरों में दिनभर भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं। भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।