मनीषा शर्मा। जयपुर के प्रतिष्ठित महारानी कॉलेज में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। सोमवार को कॉलेज की प्रिंसिपल निमाली सिंह को वित्तीय अनियमितताओं के चलते उनके पद से निलंबित कर दिया गया। उनके स्थान पर पायल लोढ़ा को नई प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है। इस घटना ने राजस्थान यूनिवर्सिटी और शिक्षा क्षेत्र में हलचल मचा दी है।
यह मामला राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) 2.0 के तहत होम साइंस विभाग को नवंबर 2021 में मिले 1 करोड़ 83 लाख रुपये की राशि से जुड़ा है। मार्च 2022 में इस धनराशि का उपयोग कर विभाग ने एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम की आयोजन समिति में प्रिंसिपल निमाली सिंह ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी के रूप में शामिल थीं।
वित्तीय अनियमितताओं के आरोप
आयोजन में करीब 15 लाख रुपये खर्च किए गए। आरोप है कि अतिथियों को दिए गए मोमेंटो और साड़ी पर अत्यधिक खर्च हुआ, और इन खर्चों के लिए दिए गए बिल अधूरे या संदिग्ध थे। यह भी कहा गया कि निमाली सिंह ने अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस धनराशि का अनुचित उपयोग किया।
हालांकि, उस समय निमाली सिंह ने कहा था कि उन्होंने सभी खर्चे नियमों के अनुसार किए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर किसी खर्च को अनुचित माना गया, तो वह उसकी भरपाई करने को तैयार हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब उन्हें वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया है।
प्रिंसिपल का पक्ष: “मेरे खिलाफ साजिश हुई”
प्रिंसिपल निमाली सिंह ने निलंबन को पूरी तरह गलत और षड्यंत्र करार दिया है। उन्होंने कहा, “जिस बिल पर विवाद है, उसका भुगतान ही नहीं हुआ है। बिना भुगतान के ऑडिट कैसे हो सकता है और उस पर कार्रवाई कैसे हो सकती है?”
निमाली सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि राजस्थान यूनिवर्सिटी की कुलपति अल्पना कटेजा उन्हें पद से हटाने के लिए साजिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मुझसे जवाब मांगा गया था, जिसे मैंने समय पर दे दिया। इसके बावजूद मेरे खिलाफ कार्रवाई करना द्वेषपूर्ण है।”
कुलपति का बयान: “यूनिवर्सिटी के नियमों से ऊपर कोई नहीं”
राजस्थान यूनिवर्सिटी की कुलपति अल्पना कटेजा ने प्रिंसिपल के निलंबन को सही ठहराया। उन्होंने कहा, “प्रशासन व्यक्तिगत द्वेष के आधार पर कार्रवाई नहीं करता। उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें क्लास न लेने, फर्जी हस्ताक्षर करने, पद के दुरुपयोग और रुसा की राशि में गड़बड़ी शामिल है।”
उन्होंने आगे कहा, “यूनिवर्सिटी के नियमों से ऊपर कोई नहीं है। जो भी नियमों के खिलाफ जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
नियुक्त हुईं नई प्रिंसिपल पायल लोढ़ा
निमाली सिंह को निलंबित करने के बाद पायल लोढ़ा को महारानी कॉलेज की नई प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह कदम कॉलेज की प्रतिष्ठा और संचालन में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया है।
शिक्षा जगत में हलचल
यह घटना राजस्थान के शिक्षा जगत में एक बड़ी हलचल के रूप में देखी जा रही है। महारानी कॉलेज, जो राज्य के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, इस विवाद के केंद्र में है। जहां एक तरफ प्रिंसिपल निमाली सिंह इसे साजिश बता रही हैं, वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन इसे नियमों के पालन की दिशा में उठाया गया कदम मानता है।