शोभना शर्मा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड मुख्यालय में आज हिंदू संगठनों के आह्वान पर महापड़ाव का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे कस्बे को बंद रखा गया है। महापड़ाव के समर्थन में स्थानीय नागरिकों ने भी भाग लिया, जिससे चाय, पानी, सब्जी की दुकानें और मेडिकल स्टोर तक पूरी तरह से बंद रहे। कस्बे में माहौल गंभीर और शांतिपूर्ण बना हुआ है, हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर कड़े इंतजाम किए गए हैं। लगभग 400 से अधिक पुलिसकर्मी कस्बे में तैनात हैं और सभी प्रवेश मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं।
पथराव की घटना के विरोध में महापड़ाव
यह महापड़ाव जलझूलनी एकादशी के दौरान पीतांबर राय मंदिर के बेवाण जुलूस पर हुए पथराव की घटना के विरोध में आयोजित किया गया है। यह घटना तब हुई थी जब भगवान पीतांबर राय के बेवाण का जुलूस किले के मंदिर से निकलकर जामा मस्जिद के पास से गुजर रहा था, और तभी जुलूस पर पथराव किया गया। इस हमले के बाद हिंदू संगठनों ने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र बताते हुए विरोध स्वरूप 12 सूत्रीय मांगों के साथ प्रशासन के खिलाफ महापड़ाव की घोषणा की।
हजारों लोगों के आने की संभावना
महापड़ाव में हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जिनमें प्रमुख रूप से हिंदू संगठन, संत और स्थानीय नागरिक शामिल हैं। जहाजपुर के विधायक गोपीचंद मीणा और अन्य हिंदू संगठनों ने इस महापड़ाव को सफल बनाने के लिए पिछले एक सप्ताह से तैयारियां की हैं। इस दौरान विधायक मीणा ने लोगों को संबोधित करते हुए प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई और कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पीतांबर राय न्याय संघर्ष समिति के बैनर तले सकल हिंदू समाज द्वारा आयोजित इस महापड़ाव में शाहपुरा और आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना है। इस आयोजन की अगुवाई संत समाज कर रहा है, जो धर्मसभा में अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
महापड़ाव को ध्यान में रखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरे कस्बे में पुलिस का चप्पे-चप्पे पर पहरा है। बस स्टैंड पर एक विशाल पंडाल लगाया गया है, जहां धर्मसभा का आयोजन किया जाएगा। महापड़ाव के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कस्बे के प्रवेश मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और बड़े वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपी चंचल मिश्रा के नेतृत्व में की जा रही है। सोमवार रात को भी पुलिस ने फ्लैग मार्च निकालकर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। सुरक्षा बलों ने कस्बे के संवेदनशील इलाकों में तैनाती बढ़ा दी है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को समाप्त किया जा सके।
प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी
पथराव की घटना के बाद समग्र हिंदू समाज ने जिला प्रशासन को 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा था। इनमें अवैध अतिक्रमण हटाने, सीमांकन करने और पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग शामिल थी। ज्ञापन सौंपने के बाद प्रशासन ने तीन दिनों के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन समय बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
प्रशासन की इस निष्क्रियता पर हिंदू संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि मुस्लिम समाज के दबाव के चलते प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाए, जिससे हिंदू समाज में आक्रोश बढ़ा है।
भक्तों के लिए विशेष सेवाएं
महापड़ाव के दौरान पीतांबर राय मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए विशेष सेवाओं का भी इंतजाम किया गया है। बाहरी जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। महापड़ाव के प्रमुख आयोजक विधायक गोपीचंद मीणा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य पथराव की घटना के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
धर्मसभा और संतों की उपस्थिति
महापड़ाव के दौरान बस स्टैंड पर आयोजित धर्मसभा में संत समाज की विशेष उपस्थिति रहेगी। संत धर्मसभा में अपने विचार व्यक्त करेंगे और घटना के विरोध में आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। हिंदू संगठनों ने कहा है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की तो वे आने वाले दिनों में और बड़े आंदोलन करेंगे।