मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला करते हुए कहा कि गहलोत बिहार में जाकर युवा नेतृत्व की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान में अपने ही युवा उपमुख्यमंत्री के साथ अपमानजनक व्यवहार किया। जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में राठौड़ ने कहा— “गहलोत साहब बिहार में युवाओं को आगे बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन राजस्थान में अपने ही युवा डिप्टी सीएम को नीचा दिखाने का काम किया। उन्हें नकारा, निकम्मा कहा, लगातार प्रताड़ित किया। पांच साल तक वे कभी अपने विधायकों के साथ बैठे रहते थे और कभी गहलोत अपने गुट के विधायकों के साथ बैठकर राजनीति करते थे। अब बिहार में जाकर युवाओं की बात करना दोहरे चरित्र को दिखाता है।”
“गहलोत और पायलट के बीच आज भी चल रहा छिपा युद्ध” – मदन राठौड़
मदन राठौड़ ने आगे कहा कि गहलोत और पायलट के बीच छिपा हुआ युद्ध आज भी जारी है, जिसे पूरा प्रदेश जानता है। उन्होंने कहा कि गहलोत जब बिहार जाकर युवाओं की तारीफ करते हैं, तो यह बयान राजस्थान के युवाओं का अपमान है। राठौड़ ने कहा, “गहलोत यहां खुद को सबसे आगे रखना चाहते हैं, जबकि अपने ही सहयोगी को दरकिनार करते हैं। यह नेतृत्व की नहीं, बल्कि स्वार्थ की राजनीति है। जो व्यक्ति अपने सहयोगी को सम्मान नहीं दे सकता, वह युवाओं को प्रोत्साहन देने की बात कैसे कर सकता है?”
संविधान पर कांग्रेस को घेरा—“कई बार की है हत्या”
मदन राठौड़ ने अशोक गहलोत के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें गहलोत ने कहा था कि राजस्थान की बीजेपी सरकार डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है। इस पर राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को संविधान की बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वही पार्टी है जिसने इतिहास में कई बार संविधान की हत्या की। उन्होंने कहा— “कांग्रेस ने चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त किया। जब रामभूमि आंदोलन चला, तब हमारी पांच सरकारों को गिरा दिया गया। आपातकाल के दौरान कांग्रेस ने प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल दिया। संविधान को सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस ने ही पहुंचाया।”
“मोदी ने संविधान को मस्तक पर रखा”
राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने संविधान की गरिमा को सर्वोपरि रखा है। उन्होंने कहा कि आज देश में चाहे बंगाल की स्थिति हो या किसी राज्य की, बीजेपी ने कभी राष्ट्रपति शासन का दुरुपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा— “बंगाल में ममता बनर्जी जनता को परेशान कर रही हैं, लेकिन हमने कभी संविधान को नहीं तोड़ा। कांग्रेस की सरकारें लोकतंत्र पर हमला करती रहीं, जबकि बीजेपी संविधान को मस्तक पर रखकर काम करती है।”
गहलोत का तंज और राठौड़ का जवाब
दरअसल, अशोक गहलोत ने हाल ही में एक बयान दिया था कि राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव नहीं करवाना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। इस पर मदन राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास लोकतांत्रिक आचरण की कोई नैतिकता नहीं बची है। उन्होंने कहा कि गहलोत को पहले अपने शासनकाल की ओर देखना चाहिए, जब लोकतांत्रिक संस्थाओं को दबाने का काम हुआ। राठौड़ ने कहा कि बीजेपी संविधान और जनता दोनों की जवाबदेह सरकार चलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अंता उपचुनाव पर बोले राठौड़—“रामपाल मेघवाल ने सही समय पर लिया फैसला”
मदन राठौड़ ने अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने बीजेपी के बागी उम्मीदवार रामपाल मेघवाल द्वारा नामांकन वापस लेने के फैसले का स्वागत किया। राठौड़ ने कहा— “रामपाल मेघवाल संस्कारित व्यक्ति हैं। शुरू में उन्हें यह शिकायत थी कि उनसे चर्चा नहीं की गई, लेकिन उन्होंने सही समय पर संगठन के साथ खड़े होने का निर्णय लिया। उनका फैसला पार्टी की एकता और अनुशासन का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि बीजेपी एक परिवार की तरह काम करती है, जहां मतभेद हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य जनता की सेवा है।
सरदार पटेल जयंती कार्यक्रम की तैयारियों पर बोले राठौड़
मदन राठौड़ जयपुर के एसएमएस इंडोर स्टेडियम में आयोजित सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे थे। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्र निर्माण में सरदार पटेल के योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि “सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी एकता और अखंडता की भावना को आगे बढ़ा रहे हैं।” राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के बीच बयानबाजी ने नया मोड़ ले लिया है। जहां गहलोत बिहार में युवा नेतृत्व की बात कर रहे हैं, वहीं राठौड़ ने उन पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान, लोकतंत्र और नैतिकता की बात करने का हक खो चुकी है।


