शोभना शर्मा। झालावाड़ जिले के पिपलोद कस्बे में सरकारी स्कूल भवन के गिरने से हुए हादसे के बाद से ही राजस्थान की सियासत में घमासान मचा हुआ है। इस घटना में जहां सरकार पर लापरवाही के आरोप लगे, वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने लगातार शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को निशाने पर लिया। अब इस मामले में शिक्षा मंत्री ने भी खुलकर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा मेरे दोस्त हैं, लेकिन वे “बेईमान” हैं। दिलावर ने आरोप लगाया कि डोटासरा के शिक्षा मंत्री रहते हुए भी शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था।
मदन दिलावर ने गहलोत सरकार के समय के आरोप याद दिलाए
मदन दिलावर ने अपने बयान में कहा कि यह बात कांग्रेस सरकार के समय भी साबित हो चुकी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं शिक्षकों से यह सवाल किया था कि क्या तबादलों में पैसा लिया जाता है, जिस पर कई शिक्षकों ने हाथ उठाकर इसकी पुष्टि की थी। दिलावर ने कहा कि यह घटना साबित करती है कि कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षा विभाग में गड़बड़ियां आम थीं, और आज डोटासरा का हमला सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए है।
सरकार एक्शन मोड में, नई पहल की घोषणा
स्कूल भवन गिरने की घटना को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने नई पहल की घोषणा की है। उन्होंने निर्देश दिया है कि अब जब भी किसी सरकारी स्कूल भवन का निर्माण होगा, उस पर निर्माण की तारीख के साथ उसकी “एक्सपायरी डेट” लिखना अनिवार्य होगा। दिलावर के अनुसार, यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और भवनों की समय-समय पर जांच सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
तकनीक से बिल्डिंग की उम्र का आकलन
मंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग अब ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है, जिससे किसी भी स्कूल भवन की वास्तविक उम्र और उसकी स्थिति का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा सके। इस तकनीक की मदद से भवन के कमजोर हिस्सों की पहचान समय रहते हो सकेगी। यदि किसी भवन का कोई हिस्सा जर्जर पाया जाता है, तो समय रहते उसका पुनर्निर्माण या मरम्मत की जाएगी, ताकि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
पिपलोद हादसे ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
झालावाड़ के पिपलोद में हुए हादसे ने सरकारी स्कूल भवनों की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद कई स्थानों पर स्कूलों की सुरक्षा जांच शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान के कई ग्रामीण इलाकों में दशकों पुराने स्कूल भवन अब मरम्मत योग्य नहीं हैं और तत्काल नए निर्माण की जरूरत है।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
जहां कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा इस घटना को लेकर लगातार शिक्षा मंत्री पर हमलावर हैं, वहीं बीजेपी की ओर से इसे कांग्रेस के समय की लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है। दिलावर ने कहा कि विपक्ष को राजनीतिक बयानबाजी के बजाय इस मुद्दे पर रचनात्मक सुझाव देने चाहिए, ताकि शिक्षा व्यवस्था और स्कूल भवनों की स्थिति को सुधारने में मदद मिल सके।
भविष्य की योजनाएं
शिक्षा मंत्री ने संकेत दिया कि आने वाले समय में सभी सरकारी स्कूल भवनों का डिजिटल सर्वे कराया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक भवन की कंडीशन रिपोर्ट, निर्माण वर्ष, और अनुमानित एक्सपायरी डेट ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि अभिभावक और स्थानीय प्रशासन समय-समय पर निगरानी रख सकें।