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कोटा में गोवंशों में मिला लंपी रोग, आइसोलेशन और इलाज की प्रक्रिया शुरू

कोटा में गोवंशों में मिला लंपी रोग, आइसोलेशन और इलाज की प्रक्रिया शुरू

मनीषा शर्मा। कोटा में गोवंशों में लंपी स्किन डिजीज (LSD) के लक्षण फिर से सामने आ रहे हैं। मंगलवार को शहर में तीन और गोवंशों में लंपी रोग के लक्षण पाए गए। इससे पहले दो दिन पूर्व चार गोवंशों में लंपी रोग की पुष्टि हुई थी। इसके बाद सात गोवंशों को पशु चिकित्सालय भिजवाया गया है।

वैक्सीनेशन और जांच का कार्य जारी

पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, लंपी रोग का प्रकोप फिलहाल कम है, लेकिन एहतियातन सभी सैंपल्स लेकर जांच की जा रही है। साथ ही, वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से किया जा रहा है। निगम गोशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले सड़कों से पकड़े गए चार गोवंशों में लंपी के लक्षण पाए गए थे। इन गोवंशों को पशु चिकित्सालय भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

तीन और गोवंशों में लंपी के लक्षण

मंगलवार को श्रीनाथपुरम इलाके में तीन और गोवंशों में लंपी जैसे लक्षण देखने को मिले। इसके बाद निगम के अधिकारियों को सूचित किया गया, जिन्होंने इन गोवंशों को पशु चिकित्सालय भिजवाने की तैयारी शुरू की। अब तक सात गोवंशों को अस्पताल भेजा जा चुका है, जबकि तीन और गोवंशों को शाम तक भेजे जाने की संभावना है।

आइसोलेशन की तैयारी शुरू

पशुपालन विभाग के जॉइंट अतिरिक्त निदेशक चंपालाल मीणा ने बताया कि लंपी के लक्षण मुख्य रूप से बछड़ों में पाए जा रहे हैं। हालांकि, अब तक केवल सात-आठ गोवंशों में ही यह समस्या पाई गई है। विभाग द्वारा वैक्सीनेशन के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है।

निगम गोशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि बुधवार से आइसोलेशन को लेकर काम शुरू किया जाएगा। वर्तमान में गोशाला में गोवंशों की संख्या अधिक होने के कारण अलग से आइसोलेशन बाड़ा तैयार करने में दिक्कत आ रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए निगम अधिकारियों और पशुपालन विभाग के साथ चर्चा की जाएगी।

निजी पशुपालकों द्वारा हो रहा इलाज

निजी पशुपालक भी अपने स्तर पर पशुओं का इलाज करवा रहे हैं। निगम की तरफ से गोशाला के गोवंशों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। निजी पशुपालकों की जानकारी विभाग तक नहीं पहुंच रही है, लेकिन वे अपने स्तर पर अस्पताल जाकर पशुओं का इलाज करवा रहे हैं।

लंपी रोग की वापसी से कोटा में पशुपालकों के बीच चिंता बढ़ गई है, लेकिन वैक्सीनेशन और आइसोलेशन की प्रक्रिया शुरू होने से उम्मीद की जा रही है कि इस बार इस बीमारी को जल्द ही काबू में कर लिया जाएगा।

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