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राजस्थान में पूंछरी का लौठा गोवर्धन परिक्रमा विकास परियोजना

राजस्थान में पूंछरी का लौठा गोवर्धन परिक्रमा विकास परियोजना

शोभना शर्मा।  राजस्थान में आध्यात्मिकता और विकास के नए आयाम जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने जन्मदिन के अवसर पर भरतपुर जिले के पूंछरी का लौठा में आयोजित सभा के दौरान गोवर्धन परिक्रमा विकास परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विकसित की जा रही है। इसमें चार जोनों में विभाजित संरचनात्मक और सौंदर्यात्मक विकास का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की भूमि पर प्रवाहित हो रही भक्ति और भाव आध्यात्मिक धारा में यह परियोजना एक नया आयाम जोड़ेगी। उन्होंने इसे सभी श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

गोवर्धन परिक्रमा विकास परियोजना का महत्व

गोवर्धन परिक्रमा भगवान श्रीकृष्ण की जीवनगाथा और आध्यात्मिकता से जुड़ी एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है। 21 किलोमीटर लंबी परिक्रमा में से 1.5 किलोमीटर का हिस्सा राजस्थान में आता है। यह हिस्सा धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें अप्सरा कुंड, नवल कुंड, दाऊजी मंदिर और नरसिंहजी मंदिर जैसे पवित्र स्थल शामिल हैं।

चार जोन में विकास की योजना

मुख्यमंत्री ने बताया कि गोवर्धन परिक्रमा के विकास को चार जोनों में विभाजित किया गया है, ताकि समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके। प्रत्येक जोन की अपनी विशिष्ट भूमिका और संरचनात्मक महत्व है।

प्रथम जोन का शिलान्यास:
शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री ने पहले जोन की शुरुआत की घोषणा की। इस जोन में श्रीनाथजी मंदिर, पूंछरी का लौठा मंदिर, दाऊजी मंदिर, गंगा मंदिर और नरसिंहजी मंदिर का विकास होगा। साथ ही, मुकुट मुखारविंद, अप्सरा और नवल कुंड, माउंटेन राधा वाटिका, गार्डन, लोटस प्वाइंट और मयूर वाटिका जैसे आकर्षक स्थल बनाए जाएंगे।

दूसरा जोन:
दूसरे जोन में परिक्रमा पथ के सौंदर्यीकरण और संरचनात्मक विकास का प्रावधान है। इसमें प्रवेश और निकास द्वार, रोशनी, विश्राम मंडल, पेयजल की सुविधा और फूड ज्वाइंट स्टॉल बनाए जाएंगे। इस जोन में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी मूर्तियों और गौलरियों का भी निर्माण होगा।

तीसरा जोन:
तीसरे जोन में बाहरी परिक्रमा मार्ग पर एंट्री प्लाजा, ग्रीन कैनाल, वाटर फ्रंट पार्किंग, कीर्तन स्थल, पौराणिक आर्ट गैलरी, गिरिराज जी का म्यूजियम, सांस्कृतिक केंद्र और आध्यात्मिक केंद्र का विकास किया जाएगा।

चौथा जोन:
चौथे जोन में भगवान श्रीकृष्ण की 250 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण होगा। यह मूर्ति श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र बनेगी। इसके अलावा, आश्रम, मेडिटेशन हॉल, गौशाला और राजस्थानी कला को बढ़ावा देने वाले स्थलों का विकास किया जाएगा।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धारा में नया आयाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भगवान श्रीकृष्ण की भूमि पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धारा में एक नया आयाम जोड़ने का कार्य करेगी। उन्होंने परियोजना में योगदान देने वाले अनिल अग्रवाल का विशेष रूप से धन्यवाद किया। उनके अनुसार, यह परियोजना न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति को भी मजबूत करेगी।

राज्य सरकार की अन्य परियोजनाएं और पहल

मुख्यमंत्री ने सभा में यह भी बताया कि राज्य सरकार ने खाटू श्याम मंदिर के भव्य दरबार के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसके अलावा, कैलादेवी झील, गंगा मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों के विकास के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

आगामी कार्य और सुविधाएं

पूंछरी का लौठा गोवर्धन परिक्रमा विकास परियोजना के तहत श्रद्धालुओं के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

  • हेलीपैड और यातायात की सुविधाएं

  • आवागमन के साधन और गेस्ट हाउस

  • चिकित्सा स्थल और विश्राम स्थल

  • रोशनी और मार्ग का सौंदर्यकरण

परियोजना का प्रभाव और महत्व

इस परियोजना का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत से श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा। इसके अलावा, स्थानीय समुदायों को रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर प्रदान करेगा।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, डीग-कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेश सिंह, कामा विधायक नौक्षम चौधरी, भुसावर विधायक बहादुर सिंह कोली, और बयाना विधायक डॉक्टर ऋतु बनावत जैसे कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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