मनीषा शर्मा। मुंबई की नामी रियल एस्टेट कंपनी लोढ़ा डेवलपर्स में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। कंपनी के पूर्व डायरेक्टर और जोधपुर निवासी राजेंद्र लोढ़ा को मुंबई क्राइम ब्रांच ने 17 सितंबर को उनके वर्ली स्थित घर से गिरफ्तार किया। उन पर कंपनी में 85 करोड़ रुपये से अधिक का फ्रॉड करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद 13 दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने पर सोमवार को कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में उनका बेटा साहिल लोढ़ा अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
फ्रॉड के तरीके: नकली भूमि सौदे और TDR का दुरुपयोग
मुंबई पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, राजेंद्र लोढ़ा पर डायरेक्टर रहते हुए पद का दुरुपयोग करने, नकली भूमि अधिग्रहण, ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) और बेनामी सौदों के जरिए कंपनी को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
स्कूल या संस्थान के लिए आरक्षित भूखंडों को कम कीमत पर अपने बेटे साहिल लोढ़ा की कंपनी को बेचना
पहले खरीदी गई जमीन को दोबारा बेचना
बेहद कम दाम पर जमीन बेचकर निजी लाभ उठाना
TDR को कम कीमत पर बेचकर नुकसान कराना
फर्जी ब्रोकरों और पोज़ेशन होल्डर्स के माध्यम से मोटी रकम का लेनदेन करना
कंपनी की आंतरिक ऑडिट और प्रारंभिक जांच में 85 से 100 करोड़ रुपये तक की गड़बड़ी सामने आई।
बेनामी संपत्तियों की जांच
मुंबई पुलिस सूत्रों के अनुसार, फ्रॉड की गई राशि को राजस्थान में नामी-बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया हो सकता है। जोधपुर, जयपुर और अन्य प्रमुख शहरों में कई अचल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के प्रमाण मिले हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच ने इसके लिए जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) से अनुमति मांगी है। जल्द ही पुलिस टीम राजस्थान आकर इन सौदों और लेनदेन की जांच करेगी।
फॉरेंसिक ऑडिट और गवाहों के बयान
अब तक पुलिस ने 29 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। वहीं, फॉरेंसिक ऑडिट में 49 करोड़ रुपये से ज्यादा के संदिग्ध लेन-देन की जांच चल रही है। जांच में यह भी पाया गया कि साहिल लोढ़ा द्वारा बनाई गई कंपनियों को भी अवैध रूप से लाभ पहुंचाया गया। नकद लेन-देन, दलालों के नाम पर चेक, नकदी बैग में भेजना और कोड भाषा में व्हाट्सएप चैट जैसी कई तकनीकें इस्तेमाल की गईं।
सबूत गायब करने का शक: तीन बैग में राज़
राजेंद्र लोढ़ा की गिरफ्तारी के बाद एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया। इसमें उनका बेटा साहिल लोढ़ा और भाई दीपक लोढ़ा दिखाई दे रहे हैं। साहिल बिल्डिंग की लिफ्ट में तीन बड़े ट्रॉली बैग रखता है, जिन्हें दीपक लेकर बाहर निकल जाता है। पुलिस को शक है कि इन बैगों में फ्रॉड से जुड़े दस्तावेज, नकदी या अन्य सबूत छिपाए गए थे। इस एंगल से अब पुलिस दीपक लोढ़ा की भी तलाश कर रही है।
साहिल लोढ़ा पर शिकंजा
मुख्य आरोपी राजेंद्र लोढ़ा तो गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन उसका बेटा साहिल लोढ़ा अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।
साहिल पर कई कंपनियों के जरिए फर्जी लेन-देन करने का आरोप है।
पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
उसके नाम से डिजिटल सबूत, बैंक लेन-देन और बेनामी संपत्तियों की जानकारी मिली है।
पुलिस को आशंका है कि वह देश से बाहर भागने की कोशिश कर सकता है।
जोधपुर कनेक्शन
राजेंद्र लोढ़ा का परिवार मूल रूप से जोधपुर के पावटा क्षेत्र का रहने वाला है। उनके पिता नरपतमल लोढ़ा राजस्थान के पूर्व महाधिवक्ता रह चुके हैं। इस कनेक्शन की वजह से जांच का दायरा राजस्थान तक फैल गया है। क्राइम ब्रांच की टीम जल्द ही राजस्थान जाकर यहां की संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन का सत्यापन करेगी।
कंपनी का बड़ा नुकसान
लोढ़ा डेवलपर्स देश की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों में गिनी जाती है। कंपनी का दावा है कि राजेंद्र लोढ़ा की वजह से उसे 85 से 100 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ है।
फर्जी सौदे
जमीनों का दोबारा बेचना
बेहद कम कीमत पर भूखंड हस्तांतरित करना
और नकद सौदों के जरिए संपत्ति हड़पना
इन सबने कंपनी की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है।