शोभना शर्मा। राजस्थान में मौसमी बीमारियों के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसके कारण राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी सरकारी अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। राज्य के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने आज इस संबंध में निर्देश जारी किए, जिसमें सभी अस्पतालों में अलग से ओपीडी सेवाएं संचालित करने का आदेश दिया गया है।
बढ़ते मरीजों के चलते अस्पतालों पर दबाव
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में इस समय बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों में वायरल इन्फेक्शन, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, और स्क्रब टाइफस से पीड़ित होकर आ रहे हैं। इसके चलते अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों का लोड सामान्य से कई गुना बढ़ गया है। विशेष रूप से बड़े अस्पतालों में यह दबाव अधिक देखा जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि मौसमी बीमारियों की इस लहर को देखते हुए सभी मेडिकल स्टाफ की छुट्टियों को आगामी आदेशों तक निरस्त कर दिया गया है। सिर्फ अति आवश्यक छुट्टियां ही दी जाएंगी, जो सक्षम अधिकारियों से मंजूरी प्राप्त करने के बाद ही मान्य होंगी।
विशेष ओपीडी और दवाइयों की पुख्ता व्यवस्था
मौसमी बीमारियों के लिए अस्पतालों में विशेष ओपीडी चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि मरीजों का उपचार त्वरित और व्यवस्थित ढंग से हो सके। मंत्री ने सभी अस्पतालों के अधीक्षकों, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और जिला सीएमएचओ को यह निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करें और बेड की संख्या बढ़ाएं। इसके साथ ही, डेंगू और मलेरिया की जांच के लिए किट्स और ब्लड बैंक में ब्लड की पर्याप्त उपलब्धता पर भी जोर दिया गया है।
स्टाफ की जॉइनिंग जल्द कराने के निर्देश
मंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि जो डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ पदोन्नति या पदस्थापन के बाद अभी तक जॉइन नहीं कर पाए हैं, उन्हें तुरंत अपने कार्यस्थल पर उपस्थित होना चाहिए। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा, सभी राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय अधिकारियों को चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं की निगरानी करने के भी आदेश दिए गए हैं।
राजस्थान में मौसमी बीमारियों के मामलों में हो रही वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने अस्पतालों की सेवाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में अतिरिक्त बेड और दवाइयों की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, स्टाफ की छुट्टियों को रद्द कर सभी अस्पतालों में विशेष ओपीडी सेवाएं शुरू की जा रही हैं।