शोभना शर्मा। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल में शनिवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई। शाम 5 बजे यह सीजफायर लागू हुआ और इसके कुछ ही समय बाद भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस ब्रीफिंग में आर्मी की तरफ से कर्नल सोफिया कुरैशी, एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह और नेवी से कोमोडोर रघु आर नायर उपस्थित रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस की अवधि केवल 9 मिनट रही लेकिन इसमें पाकिस्तान की गलत सूचनाओं का करारा खंडन किया गया और भारत की तैयारियों का सशक्त संदेश भी दिया गया।
कर्नल सोफिया कुरैशी का स्पष्ट संदेश
कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान की “मिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन” की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही खबरें कि उसके जेएफ-17 विमानों ने भारत के एस-400 और ब्रह्मोस मिसाइल बेस को नुकसान पहुंचाया है, पूरी तरह से झूठी हैं। उन्होंने साफ किया कि भारत के सिरसा, जम्मू, पठानकोट और भुज एयरफील्ड सुरक्षित हैं। इसी प्रकार चंडीगढ़ और ब्यास के हथियार डिपो पर किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ है।
कर्नल सोफिया ने आगे बताया कि पाकिस्तान यह दावा कर रहा है कि भारत ने मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया है, जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और भारतीय सेना इस मूल्य प्रणाली को आत्मसात करती है। भारत ने केवल पाकिस्तान के सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है, जिनमें स्कर्दू, जकूबाबाद, सरगोदा और बुलारी जैसी एयरफील्ड शामिल हैं।
LoC के पास पाकिस्तान को भारी नुकसान
कर्नल सोफिया ने कहा कि भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और रडार सिस्टम पूरी तरह निष्क्रिय हो चुके हैं। LoC के पास स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन, और अन्य सैन्य ढांचे को भारी क्षति हुई है, जिससे पाकिस्तान की आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। उन्होंने दोहराया कि भारतीय सशस्त्र बल पूरी तरह तैयार और सतर्क हैं, और देश की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा के लिए पूर्णतः समर्पित हैं।
कोमोडोर रघु आर नायर का बयान
नेवी की ओर से कोमोडोर रघु आर नायर ने कहा कि जैसा कि विदेश सचिव ने स्पष्ट किया है, दोनों देशों ने सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाई को तत्काल रोकने पर सहमति जताई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना मातृभूमि की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यदि पाकिस्तान फिर कोई दुस्साहस करता है तो उसे निर्णायक और ताकतवर जवाब मिलेगा।
विदेश सचिव की घोषणा और अमेरिकी मध्यस्थता
भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा (मिसरी) ने शाम 6 बजे बताया कि सीजफायर शाम 5 बजे से लागू हो गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच अब जमीन, आकाश और समुद्र से कोई हमला नहीं होगा। दोनों देशों के डीजीएमओ (DGMO) 12 मई को दोपहर 12 बजे बातचीत करेंगे। इस सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से की गई और इसमें अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार शाम 5:30 बजे ट्वीट कर इस सीजफायर पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता में रात भर बातचीत चली और अब भारत-पाकिस्तान ने हमले रोकने पर सहमति जताई है। ट्रम्प ने दोनों देशों को “कॉमनसेंस” और “शांति के फैसले” के लिए बधाई दी।
अमेरिकी विदेश मंत्री की भूमिका
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पिछले 48 घंटों से भारत, पाकिस्तान और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री जयशंकर, आर्मी चीफ जनरल मुनीर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से लगातार बातचीत की। रूबियो ने कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि दोनों देश अब बातचीत के जरिए समाधान खोजने के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान का रुख
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है, बिना अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए। उन्होंने युद्ध विराम पर सहमति को शांति की दिशा में एक आवश्यक कदम बताया।
सिंधु जल समझौता अब भी निलंबित
ANI के अनुसार, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सीजफायर पर कोई शर्त नहीं रखी गई है। हालांकि सिंधु जल समझौता अब भी निलंबित रहेगा। यह स्पष्ट करता है कि भारत की ओर से रणनीतिक निर्णयों में अब भी लचीलापन सीमित है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसद का विशेष सत्र आयोजित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश को एकजुट होकर इस संकट का मुकाबला करना चाहिए।
जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और आगे भी यही नीति जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत की दृढ़ता ही आज की स्थिति तक हमें ले आई है।