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कोटा से दिल्ली एक्सप्रेस-वे: 80 किलोमीटर का नया सेक्शन शुरू

कोटा से दिल्ली एक्सप्रेस-वे: 80 किलोमीटर का नया सेक्शन शुरू

शोभना शर्मा। राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र के निवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। कोटा-बूंदी जिले में बहुप्रतीक्षित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का 80 किलोमीटर का हिस्सा आम जनता के लिए खोल दिया गया है। अब कोटा के गोपालपुरा से बूंदी के लबान तक का सफर बेहद सुगम और समय-बचत वाला हो गया है।

सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस नए एक्सप्रेस-वे खंड को यातायात के लिए चालू कर दिया। इसके शुरू होने के बाद यह 80 किलोमीटर की दूरी मात्र 50 मिनट में पूरी हो रही है। पहले यह रास्ता करीब 100 किलोमीटर था और इसमें डेढ़ घंटे का समय लग जाता था, क्योंकि वाहन चालकों को कोटा शहर होकर जाना पड़ता था। अब इस हाईवे के खुलने से 20 किलोमीटर की दूरी कम हुई और वाहन 40 मिनट पहले अपनी मंजिल तक पहुंच रहे हैं।

दिल्ली तक सफर और होगा आसान

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का यह 8-लेन खंड केवल कोटा और बूंदी तक ही नहीं बल्कि भविष्य में पूरे दिल्ली-मुंबई मार्ग को जोड़ने वाला है। वर्तमान में कोटा के चेचट से लेकर मुंबई की ओर यातायात पहले से ही चालू है। अब दिल्ली की दिशा में भी यह नया 80 किलोमीटर का खंड खोला गया है।

कोटा से दिल्ली के बीच अभी केवल 28 किलोमीटर का हिस्सा बाकी है, जो कि फरवरी 2025 तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद, जो यात्रा 7.5 घंटे में पूरी होती थी, वह मात्र 5 घंटे में पूरी हो जाएगी। यह न केवल यात्रियों के समय की बचत करेगा बल्कि लॉजिस्टिक सेक्टर के लिए भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

रावठा टनल: जल्द मिलेगी बड़ी सुविधा

कोटा-दरा के बीच एक 8-लेन रावठा टनल का निर्माण भी जोरों पर है। यह टनल कुल 4.9 किलोमीटर लंबी है, जिसमें से 3.9 किलोमीटर का हिस्सा टनल का और दोनों ओर 500-500 मीटर का हिस्सा कवर्ड रहेगा।

एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक, इस टनल का 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। टनल के दोनों छोर पर अभी लगभग 200-200 मीटर की खुदाई बाकी है। इस टनल को पूरी तरह चालू होने में अक्टूबर 2025 तक का समय लगने की उम्मीद है।

फ्यूल स्टेशन और सुविधाओं का इंतजार

फिलहाल, एक्सप्रेस-वे पर फ्यूल स्टेशन और अन्य सुविधाएं पूरी तरह चालू नहीं हुई हैं। वाहन चालकों को अभी ईंधन और अन्य जरूरतों की व्यवस्था खुद से करनी होगी। हालांकि, एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, एक्सप्रेस-वे पर हर 100 किलोमीटर पर एक रेस्ट एरिया विकसित किया जा रहा है।

इन रेस्ट एरिया में पेट्रोल-डीजल पंप, ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, भोजन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इनका निर्माण कार्य जल्द पूरा होने वाला है।

कोटा में इन 6 जगहों से मिलेगी एक्सप्रेस-वे की एंट्री और एग्जिट

कोटा जिले में वाहन चालकों के लिए कुल 6 इंटरचेंज पॉइंट बनाए गए हैं, जहां से यात्री एक्सप्रेस-वे पर चढ़ और उतर सकते हैं। ये इंटरचेंज निम्नलिखित स्थानों पर हैं:

  1. चेचट
  2. गोपालपुरा (एनएच-52)
  3. कराड़िया (एनएच-27)
  4. बालापुरा (स्टेट हाइवे-51)
  5. जालिमपुरा (स्टेट हाइवे-70)
  6. मंडावरा (स्टेट हाइवे-37ए)

इसके अतिरिक्त, जो वाहन चालक झालावाड़ से दिल्ली की ओर जाएंगे, वे गोपालपुरा से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ सकेंगे। सांगोद क्षेत्र के वाहन चालक बालापुरा, बारां क्षेत्र के यात्री कराड़िया, सुल्तानपुर वाले जालिमपुरा, और इटावा-खातौली के वाहन चालक मंडावरा से चढ़ और उतर सकेंगे।

इसके बाद लबान से उतरकर वाहन चालक कोटा-लालसोट मेगा हाईवे पर करीब 60 किलोमीटर की दूरी तय कर मुई गांव के पास वापस एक्सप्रेस-वे पर चढ़ सकेंगे।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे: एक नई क्रांति

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा और अत्याधुनिक एक्सप्रेस-वे है। यह न केवल यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि ईंधन की बचत और यातायात के बोझ को भी कम करेगा। कोटा-बूंदी का यह 80 किलोमीटर का हिस्सा इस प्रोजेक्ट की एक बड़ी उपलब्धि है।

 

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