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पुष्कर मेला 2024 में जानिए क्या हैं खास आकर्षण

पुष्कर मेला 2024 में जानिए क्या हैं खास आकर्षण

मनीषा शर्मा, अजमेर। राजस्थान का विश्वप्रसिद्ध पुष्कर मेला, जो हर साल सैंकड़ों पशुपालकों और हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है, इस वर्ष 2 नवंबर से शुरू होकर 15 दिनों तक चलेगा। इस बार मेले में पहली बार नए तरह के आयोजन और आकर्षक गतिविधियाँ जोड़ी गई हैं। 2024 के इस पुष्कर मेले में ऊंटों की भव्य रैली और गायों का दूध निकालने का प्रतियोगिता जैसे अनोखे इवेंट्स रखे गए हैं, जिनसे इस मेले का आकर्षण और भी बढ़ गया है।

मेले में तीन चरणों का आयोजन:

पुष्कर मेला तीन चरणों में आयोजित होता है, जिसमें पशु मेला, प्रशासनिक मेला और धार्मिक मेला शामिल हैं।

  1. पहला चरण – पशु मेला: इस चरण में पशुपालक दीपावली के बाद से अपने पशुओं को मेले में लेकर आने लगते हैं और यहाँ पशुओं की खरीद-बिक्री होती है।
  2. दूसरा चरण – प्रशासनिक मेला: गोपाष्टमी के दिन मेला मैदान में ध्वजारोहण के साथ इसका आगाज किया जाता है। इसी के साथ खेलकूद, पशु प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत होती है।
  3. तीसरा चरण – धार्मिक मेला: देवउठनी एकादशी से धार्मिक मेले की शुरुआत होती है, जिसमें महा स्नान, पूजा-अर्चना, और विभिन्न धार्मिक क्रियाकलाप आयोजित होते हैं। इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा पर होता है।

पहली बार निकाली जाएगी ऊंट रैली

मेले में पहली बार ऊंट रैली का आयोजन होगा, जिसमें सजाए हुए ऊंट शामिल होंगे। यह रैली पुराने मेला मैदान से शुरू होकर नए मेला मैदान तक करीब 1 किलोमीटर तक निकलेगी। ऊंटों की संख्या घटने के कारण इस रैली का उद्देश्य ऊंट पालने के प्रति लोगों को जागरूक करना है। साथ ही, इस रैली से पशुपालकों को आर्थिक रूप से भी मदद मिल सकेगी।

गायों के लिए दूध निकालने का अनोखा कॉम्पिटिशन

2024 के पुष्कर मेले में पहली बार गायों का दूध निकालने का प्रतियोगिता भी शामिल किया गया है। इस प्रतियोगिता में गाय के मालिक को 3 मिनट का समय दिया जाएगा, जिसमें जो सबसे ज्यादा दूध निकाल सकेगा, उसे सम्मानित किया जाएगा। इस तरह का आयोजन पशुपालकों और गाय पालने वाले लोगों के लिए विशेष आकर्षण है।

अन्य पशु प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम

पुष्कर मेले में ऊंटों के अलावा घोड़ों और अन्य पशुओं की भी प्रतियोगिताएं होती हैं। पशुपालक अपने पशुओं को सुसज्जित कर यहाँ लेकर आते हैं और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। इस वर्ष पशुपालकों को चारा सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए सरस डेयरी ने विशेष व्यवस्था की है। साथ ही, अन्नपूर्णा रसोई, पर्याप्त पानी, और रोशनी की व्यवस्था भी की गई है ताकि पशुपालकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मेले में होने वाले सांस्कृतिक और ग्रामीण खेलकूद कार्यक्रम:

पुष्कर मेला केवल पशु मेला नहीं है, बल्कि यहाँ सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है। मेले में राजस्थानी लोक संगीत, नृत्य, गिल्ली-डंडा, कबड्डी, मटका रेस, और रस्सा-कस्सी जैसे खेल भी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं। विदेशी पर्यटक उत्साहपूर्वक इन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और राजस्थानी संस्कृति को अनुभव करते हैं।

पर्यटन विभाग के द्वारा तय किए गए प्रमुख कार्यक्रम

पर्यटन विभाग ने इस वर्ष के पुष्कर मेले के प्रमुख कार्यक्रमों का कार्यक्रम तय कर दिया है। इसके अंतर्गत प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन निम्नानुसार है:

  • 9 नवंबर: मेला मैदान में ध्वजारोहण, मांडना प्रतियोगिता, बच्चों की ग्रुप डांस प्रतियोगिता, पुष्कर सरोवर पर महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
  • 10 नवंबर: लंगड़ी टांग, सतोलिया, गिल्ली डंडा प्रतियोगिताएं, कैमल डेकोरेशन कॉम्पिटिशन, कैमल डांस और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
  • 11 नवंबर: कबड्डी मैच, हॉर्स डांस, इंटर पंचायत समिति रस्सा-कस्सी और वॉलीबॉल प्रतियोगिता।
  • 12 नवंबर: आध्यात्मिक यात्रा, इंटर पंचायत समिति रूरल स्पोर्ट्स, और शिल्प बाजार का उद्घाटन।
  • 13 नवंबर: मुछ प्रतियोगिता, साफा प्रतियोगिता, तिलक प्रतियोगिता, और महाआरती।
  • 14 नवंबर: महिलाओं के लिए मटका रेस, म्यूजिकल चेयर और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
  • 15 नवंबर: समापन समारोह, पुरस्कार वितरण, ग्रुप डांस और अन्य खेलकूद प्रतियोगिताओं के फाइनल मैच।

मेले में विशेष चिट्ठियाँ: लाल, सफेद और रवन्ना

पुष्कर मेले में पशु खरीद-बिक्री के लिए तीन प्रकार की चिट्ठियों का इस्तेमाल होता है:

  • लाल चिट्ठी: पशु का रजिस्ट्रेशन जिसमें पशु की जानकारी होती है।
  • सफेद चिट्ठी: यह सेल डीड है जिसमें पशु पालकों के हस्ताक्षर और पशु की नस्ल का विवरण होता है।
  • रवन्ना: यह चिट्ठी खरीदार को पशु बाहर ले जाने के लिए होती है और इसे प्रस्तुत करके ही पशु को मेला क्षेत्र से बाहर ले जाया जा सकता है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

पुष्कर मेला दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। 15 दिन के मेले में अमेरिका, यूरोप, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, जापान, कोरिया, यूएई, थाईलैंड, और सिंगापुर जैसे 60 से अधिक देशों से सैलानी यहाँ रेगिस्तानी जहाज ऊंट और राजस्थानी घोड़ों की प्रतियोगिताएं देखने आते हैं। इस बार मेले के दौरान पुष्कर में लगभग 500 से अधिक होटल और रिसॉर्ट हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत पहले से ही बुक हो चुके हैं।

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