मनीषा शर्मा, अजमेर। ईपीएफ यानी कर्मचारी भविष्य निधि एक आपातकालीन निधि की तरह काम करता है, जो वेतन से जमा की हुई राशि को सुरक्षित रखता है। हालांकि, वर्तमान में इससे लोन लेकर भी ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है। यह राशि बुढ़ापे का सहारा होती है, लेकिन कभी-कभी तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए इसे निकालना पड़ता है। अगर आप इसे निकालना नहीं चाहते हैं और पैसों की ज़रूरत है, तो आप ईपीएफ से लोन भी ले सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) वेतनभोगी कर्मचारियों को लोन की सुविधा प्रदान करता है।
क्या है ईपीएफ लोन?
ईपीएफ लोन वास्तव में एक अग्रिम भुगतान है। सामान्य परिस्थिति में जो पैसा सेवानिवृत्ति पर मिलता है, उसे आप पहले निकाल सकते हैं। इस पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देना पड़ता है। लोन की राशि की एक सीमा तय होती है।
ब्याज की दर:
यह आपका अपना पैसा है, इसलिए आपको इस पर ब्याज नहीं देना होता है। अगर आप पैसा नहीं निकालते हैं, तो आपको 8.25% का ब्याज मिलता है।
लोन की शर्तें:
- घर ख़रीदने के लिए: 5 वर्ष की सेवा के बाद मकान, फ्लैट, या प्लॉट के लिए पैसा निकाल सकते हैं। राशि की सीमा 24-36 माह के वेतन और महंगाई भत्ते तक है।
- वेतन ना मिलने पर: 2 माह से अधिक वेतन नहीं मिलने पर स्वयं की आय से जमा धन निकाल सकते हैं।
- विवाह और उच्च शिक्षा: 7 वर्ष की सदस्यता के बाद स्वयं, पुत्र/पुत्री और भाई-बहन के विवाह या उच्च शिक्षा के लिए जमा राशि का 50% निकाल सकते हैं।
- चिकित्सा के लिए: कोई न्यूनतम सेवा अवधि नहीं है। चिकित्सा के लिए 6 माह के वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर राशि निकाल सकते हैं।
आवेदन कैसे करें:
ईपीएफ से धन निकासी की प्रक्रिया ऑनलाइन है। आपके भविष्य निधि खाते (यूएएन) से आधार नंबर जोड़ना अनिवार्य है। संयुक्त क्लेम फॉर्म 19, 10 सी, और 31 में ज़रूरी विवरण भरकर आवेदन किया जा सकता है। सभी जानकारी सही होने पर राशि 3 सप्ताह में बैंक खाते में जमा हो जाती है।
इस प्रकार, ईपीएफ से लोन लेकर आप अपनी आपातकालीन जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं।