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किशनगढ़ वकील गिरफ्तारी के बाद भड़के वकील, अजमेर कलेक्ट्रेट पर बवाल

किशनगढ़ वकील गिरफ्तारी के बाद भड़के वकील, अजमेर कलेक्ट्रेट पर बवाल

शोभना शर्मा। किशनगढ़ में अधिवक्ता बालकिशन सुनारिया की गिरफ्तारी के मामले ने अब अजमेर जिले में बड़ा रूप ले लिया है। मंगलवार को अजमेर के वकीलों ने पूर्ण कार्य बहिष्कार कर जमकर प्रदर्शन किया। विरोध इतना तीखा हो गया कि पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। कोर्ट परिसर से पुलिसकर्मियों को बाहर निकाल दिया गया। वहीं, दूसरी ओर थानाधिकारी भीकाराम काला के समर्थन में ग्रामीण भी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।

जनरल हाउस के बाद वकीलों का प्रदर्शन

मंगलवार को सुबह अजमेर जिला बार एसोसिएशन की ओर से वकीलों की एक जनरल हाउस बैठक बुलाई गई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि किशनगढ़ में अधिवक्ता बालकिशन सुनारिया के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनरल हाउस के बाद सैकड़ों वकीलों ने कोर्ट परिसर से रैली निकालकर सड़कों पर विरोध जताया और अजमेर कलेक्ट्रेट की ओर कूच किया। जैसे ही वकील कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचे, बैरिकेट्स गिरा दिए और जबरन अंदर घुसने की कोशिश की।

वाटर कैनन और पानी की बौछार से बिगड़े हालात

प्रदर्शन उग्र होता देख पुलिस ने वाटर कैनन और दमकल की गाड़ी से पानी की बौछार की। इसके बाद वकीलों में और आक्रोश फैल गया। उन्होंने बिना ज्ञापन दिए ही वापस कोर्ट परिसर लौटने का निर्णय लिया। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कलेक्ट्रेट के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

कोर्ट परिसर से पुलिस को किया बाहर

स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए वकीलों ने मंगलवार को कोर्ट परिसर से सभी पुलिसकर्मियों को बाहर निकाल दिया। वकीलों ने सख्त चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक कोई भी पुलिसकर्मी कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता।

इस घटनाक्रम के बाद अजमेर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। कोर्ट और कलेक्ट्रेट दोनों जगह अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है ताकि कोई भी स्थिति बेकाबू न हो।

वकीलों की तीन प्रमुख मांगें

अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वकील बालकिशन सुनारिया की गिरफ्तारी पुलिस की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का हिस्सा है। वकील समाज इसकी कड़ी निंदा करता है। उन्होंने तीन मुख्य मांगें रखीं:

  1. किशनगढ़ थाना प्रभारी भीकाराम काला को तत्काल बर्खास्त किया जाए।

  2. मामले की उच्च अधिकारियों से स्वतंत्र जांच करवाई जाए।

  3. वकील समाज के साथ पुलिस द्वारा किए गए व्यवहार के लिए माफी मांगी जाए।

अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक विरोध जारी रहेगा और वकील न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते रहेंगे।

ग्रामीणों ने थानाधिकारी के समर्थन में दिया ज्ञापन

वकीलों के विरोध प्रदर्शन के बीच ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर से मिला और थाना प्रभारी भीकाराम काला के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिवक्ता बालकिशन सुनारिया ने फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर 200 बीघा जमीन हड़प ली थी और उसे अवैध रूप से बेच दिया।

ग्रामीणों के अनुसार, थाना प्रभारी ने शिकायतों के आधार पर निष्पक्ष और उचित कार्रवाई की थी। इसलिए वे इस कार्रवाई को न्यायोचित मानते हैं और किसी भी प्रकार की राजनीतिक या पेशागत दबाव में कार्रवाई को रोकने का विरोध करते हैं।

 

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