शोभना शर्मा। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार के आरोप अब राजनीतिक गर्मी का मुद्दा बन गए हैं। राजस्थान की राजनीति में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना मोहम्मद फजल उर रहीम पर वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने और उन्हें अवैध रूप से बेचने का गंभीर आरोप लगाया है। डॉ. मीणा ने सोमवार, 30 सितंबर को भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान यह आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि फजल उर रहीम ने करोड़ों रुपए की वक्फ, ट्रस्ट और मंदिरों की जमीनों पर फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा किया और उन्हें बेचकर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की।
मौलाना फजल उर रहीम पर लगे गंभीर आरोप
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने प्रेस वार्ता में कहा कि मौलाना फजल उर रहीम और उनके सहयोगियों ने वक्फ संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा किया और करोड़ों की संपत्ति बनाई। उन्होंने आरोप लगाया कि फजल उर रहीम ने खाड़ी देशों से ट्रस्ट के नाम पर भारी मात्रा में धन प्राप्त किया और उसका दुरुपयोग किया। मीणा ने कहा कि आम मुसलमानों को पता ही नहीं है कि उनके आका उनके ही समुदाय की संपत्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
डॉ. मीणा ने आरोप लगाया कि फजल उर रहीम कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर देश के मुसलमानों को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2024 का विरोध करने के लिए फजल उर रहीम, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सलमान खुर्शीद, शरद पवार और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से मिले हैं। इन नेताओं का उद्देश्य मुसलमानों को भड़काना और हिंसा के लिए उकसाना है। उन्होंने यह भी कहा कि ये नेता Q.R. कोड के जरिए मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
जयपुर के पास बसाया ‘मिनी पाकिस्तान’
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मौलाना फजल उर रहीम और उनके भाई जिया उर रहीम ने फर्जी दस्तावेज बनाकर जयपुर और अहमदाबाद में स्थित जामिया हिदायत ट्रस्ट और मौलाना अब्दुल रहीम एजुकेशनल ट्रस्ट की करीब 18 से 20 बीघा जमीन को करोड़ों रुपए में बेचा। इसके बाद उन्होंने अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया और समुदाय विशेष के लोगों को वहां बसाया।
उन्होंने कहा कि फजल उर रहीम और उनके सहयोगियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना की। कोर्ट द्वारा जारी यथास्थिति के आदेश के बावजूद उन्होंने जयपुर के पास किशनपुरा और आमेर गांव में करीब 900 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया और उसे बेचकर धर्म विशेष के लोगों को वहां बसाया। डॉ. मीणा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के दौरान इन अवैध कॉलोनियों को बसाने की अनुमति दी गई, जिससे जयपुर के पास एक “मिनी पाकिस्तान” बन गया।
FIR दर्ज करने में की गई देरी
डॉ. मीणा ने कहा कि जामिया हिदायत ट्रस्ट की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेचे जाने के मामले में 2021 से 2024 के बीच कुल 4 FIR दर्ज की गईं। ये FIRs जयपुर के जयसिंहपुरा खोर थाने में आईपीसी की धारा 420, 447, 468, 471, और 120बी के तहत दर्ज की गई थीं। मुकदमा संख्या 28/2021, 29/2021, 696/2021, 160/2022 और 249/2024 के तहत यह शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन पुलिस ने दबाव के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
डॉ. मीणा ने आरोप लगाया कि फजल उर रहीम और उनके सहयोगियों ने अपने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाते हुए खुद पर दर्ज मामलों को दबाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद वक्फ और सरकारी भूमि को अवैध रूप से बेचा जा रहा है और पुलिस या प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
वक्फ संशोधन बिल 2024 का विरोध
डॉ. मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल 2024 ला रही है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना है। लेकिन कुछ मुस्लिम नेता, जिनमें फजल उर रहीम शामिल हैं, इस बिल का विरोध कर रहे हैं। वे इसे लेकर मुसलमानों को भड़का रहे हैं और देशभर में हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. मीणा ने कहा कि यह विरोध मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और वक्फ संपत्तियों के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और इसके जरिए केंद्र सरकार के खिलाफ मुस्लिम समुदाय को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं।