जयपुर। सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार 3500 करोड़ का घोटाला छिपाती रही। उन्होंने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों द्वारा आईटी उपकरण खरीद जिनमें एंपलीफायर, एसी, स्टेबलाइजर, वीडियो वॉल मैनेजमेंट के टेंडर, सर्वे और विजिट के नाम पर अधिकारियों द्वारा टीए डीए के फर्जी बिल उठाने, टोंक रसद अधिकारी के भ्रष्टाचार का मामला और उदयपुर में पॉश मशीनें खरीद घोटाले का आरोप लगाया है।
दरअसल राजस्थान के शासन सचिवालय के पास योजना भवन के बेसमेंट में रखी अलमारी में 2.31 करोड़ रुपए की नकदी और 1 किलो सोना मिलने के मामले के बाद सरकार पर कई सवाल खड़े होने लगे है। अब इस मामले को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने राज्य सरकार पर साढे 3 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए हैं। बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब होते हुए डॉ. मीणा ने कई तथ्य पेश किए। इन तथ्यों के आधार पर उन्होंने बताया कि सूचना और प्रोद्योगिकी विभाग में पिछले चार साल से लगातार करोड़ों रुपए के घोटाले हो रहे हैं।
सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि घोटालों की जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी है और आईटी डिपार्टमेंट में हुए घोटालों की जांच सीबीआई या ईडी से करवाई गई तो मुख्यमंत्री सड़कों पर भागते नजर आएंगे क्योंकि घोटाले की आंच मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी।
सीसीटीवी, और अन्य उपकरणों की खरीद में भारी घोटाला
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का आरोप है कि राज्य सरकार के आईटी विभाग में पिछले चार साल में करोड़ों रुपए के सीसीटीवी, वीडियो वॉल, इंडोर, आउटडोर स्क्रीन खरीदने के दर्जनों टेंडर हुए। प्रत्येक टेंडर में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ। टेंडर सरकार की चहेती कंपनियों को दिए गए और उन कंपनियों द्वारा भेजे गए करोड़ों रुपए के इक्युपमेंट का सत्यापन सरकारी स्तर पर नहीं किया गया। जिस कंपनी को पहले 140 करोड़ रुपए का टेंडर दिया गया। उसे बढाकर पहले 160 करोड़ और फिर 240 करोड़ रुपए कर दिया गया। जो सामान सप्लाई करना था, उनकी एवज में 40 फीसदी भुगतान एडवांश में कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि 50 फीसदी इक्यूपमेंट सप्लाई ही नहीं हुए और उनका भुगतान कर दिया गया। डॉ. मीणा के मुताबिक जिस आईटी डिपार्टमेंट में यह घोटाला हुआ है। इसके मुखिया खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। उच्चतर एजेंसी से जांच हुई तो घोटाले की आंच मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
नियम विरुद्ध खरीदी गई हजारों पॉश मशीनें
डॉ. मीणा का आरोप है कि प्रदेशभर के जिलों के लिए सरकार ने नियम विरुद्ध पॉश मशीने खरीद ली। उदयपुर और टोंक जिलों के जिला रसद अधिकारी से अनुमति पूछे ही मशीनें खरीद ली गई। डॉ. मीणा का आरोप है कि नियमानुसार सरकार को भारत की किसी एजेंसी से पॉश मशीनें खरीदनी चाहिए थी लेकिन आईटी डिपार्टमेंट ने केन्द्र सरकार के कॉर्पोरेट मंत्रालय की बिना अनुमति के ही 135 करोड़ रुपए की पॉश मशीनें खरीद ली गई। हैरानी की बात यह भी है कि नेशनल फर्जीलाइजर लिमिटेड ने जिस कंपनी को ब्लेक लिस्टेड कर रखा है। उसी कंपनी से पॉश मशीनों की खरीद कर ली गई।