शोभना शर्मा । राजस्थान के कृषि मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक धार्मिक कार्यक्रम में एक प्राइवेट चैनल से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी।
मीणा ने बताया कि वे दो दिन से दिल्ली में थे और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री ने उनसे बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि उनकी संगठन या मुख्यमंत्री से कोई नाराजगी नहीं है और वे अपने वादे से पीछे नहीं हट सकते।
लोकसभा चुनाव के दौरान मीणा ने कहा था कि जिन सीटों की जिम्मेदारी उन्हें मिली है, अगर वे हारते हैं तो इस्तीफा दे देंगे। चुनाव परिणामों के बाद उन पर इस्तीफा देने का दबाव था। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कहा था कि मीणा अपने वादे से पीछे नहीं हटेंगे और इस्तीफा देंगे।
मीणा का इस्तीफा मंजूर होने पर भाजपा की परेशानी बढ़ सकती है। मीणा का सियासी ट्रैक रिकॉर्ड आक्रामकता से मुद्दे उठाने का है, जिससे सरकार और भाजपा के लिए असहज हालात पैदा हो सकते हैं। आगामी विधानसभा उपचुनावों और निकाय-पंचायत चुनावों में भी नरेटिव खराब हो सकता है। सरकार में रहकर कई मुद्दों पर शांत रहने वाले किरोड़ी को मुखर होने का मौका मिल जाएगा।
राजस्थान में जल्द ही पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें झुंझुनूं, खींवसर, दौसा, देवली-उनियारा और चौरासी शामिल हैं। भाजपा ने कुछ दिन पहले ही डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को दौसा सीट का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया था। उनके इस्तीफे की जानकारी सामने आने के बाद पार्टी को यहां चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
दिसंबर 2023 में भाजपा की सत्ता में वापसी हुई तो किरोड़ीलाल को उपमुख्यमंत्री जैसा पद मिलने की संभावना थी। जब सरकार बनी तो उन्हें कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया, लेकिन इन विभागों के भी टुकड़े करके दिए गए, जिससे वे असहज महसूस कर रहे थे। लोकसभा चुनावों में उनके भाई जगमोहन मीणा दौसा से बीजेपी टिकट के दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह कन्हैयालाल मीणा को टिकट दिया गया, जो बड़े अंतर से हार गए।