मनीषा शर्मा। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद किरोड़ीलाल मीणा आज दिल्ली पहुंचे और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बावजूद मीणा अपने इस्तीफे के फैसले पर कायम हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे के कारणों को स्पष्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने क्षेत्र में पार्टी के लिए जीत सुनिश्चित नहीं कर पाने को मुख्य वजह बताया।
मीणा ने कहा कि उन्होंने बहुत पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था और हाल ही में इसका खुलासा किया। नड्डा से मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र में 40-45 साल तक सेवा की, लेकिन जनता ने उनके प्रयासों को सराहा नहीं। उन्होंने नैतिकता के आधार पर मंत्री पद छोड़ने का निर्णय लिया।
मीणा ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने लंबे संबंधों का भी जिक्र किया और बताया कि वे इमरजेंसी के दौरान मोदी जी के साथ काम कर चुके हैं। उन्होंने किसी भी व्यक्तिगत शिकायत या पद के लिए लालच की बात को नकारते हुए पार्टी और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
उन्होंने अपने भाई के लिए टिकट की पैरवी की अफवाहों का खंडन किया और कहा कि वे पार्टी के निर्देश पर जहां भी काम करने के लिए भेजे जाएंगे, वे वहां काम करेंगे। मीणा ने स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति में पद की कोई चाहत नहीं है और वे राष्ट्रभक्ति के भाव से काम कर रहे हैं।
मीणा ने जयपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अपने इस्तीफे का खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि वे अपनी असफलता को स्वीकारते हुए इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि वे अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में पार्टी को जीत दिलाने में असफल रहे। उन्होंने आगे भी जनता के मुद्दों को उठाने और पार्टी के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई।