शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में मंगलवार को उस वक्त गर्मी बढ़ गई, जब राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल एक टीवी चैनल के लाइव शो के दौरान फोन पर भिड़ गए। मामला एसआई भर्ती रद्द होने से जुड़ा था, जिस पर बहस करते-करते दोनों नेता इतने भड़क गए कि एक-दूसरे को लुटेरा और चोर तक कह डाला।
एसआई भर्ती रद्द और राजनीतिक गरमी
हाल ही में राजस्थान सरकार ने एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है। इस फैसले को लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर लगातार हमले कर रही हैं। इसी मुद्दे पर बहस के दौरान बेनीवाल ने कहा कि सरकार पर्दा डाल रही है और भ्रष्टाचार को बचाने का काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियों पर पर्दा डालकर युवाओं के साथ धोखा हुआ है।
वहीं, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी मीणा ने बेनीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ कैबिनेट सब-कमेटी बनाई और जांच के बाद भर्ती रद्द करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि अगर कहीं गड़बड़ी हुई तो उसे ठीक करने की जिम्मेदारी सरकार की है, न कि पर्दा डालने की।
जुबानी जंग का escalation
बहस यहीं नहीं रुकी, बल्कि धीरे-धीरे तीखी जुबानी जंग में बदल गई। किरोड़ी मीणा ने बेनीवाल पर आरोप लगाया कि वे खुद भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं और उनकी पार्टी की एक महिला नेता भी पेपर लीक में शामिल रही। उन्होंने कहा – “तुम लुटेरे हो, चोर हो। मैंने खुद हाथ से पैसे दिए हैं।”
इस पर बेनीवाल ने तुरंत पलटवार किया – “लुटेरे आप हो। आप चोरों को बचाते हो, आप बिकाऊ हो। अपनी हद में रहकर बात करो।”
दोनों नेताओं की इस बहस में आरोप-प्रत्यारोप की बौछार होने लगी। किरोड़ी मीणा ने कहा कि राजस्थान में अगला परिवर्तन वे ही करेंगे और किसी के पास वह ताकत नहीं है। जवाब में बेनीवाल ने कहा कि परिवर्तन वे ही करेंगे क्योंकि अब किरोड़ी की उम्र 60 साल से ऊपर हो गई है और राजनीति में उनका वक्त खत्म हो रहा है।
पुरानी यादों पर भी तकरार
बहस के दौरान दोनों नेताओं ने पुरानी राजनीतिक घटनाओं को भी याद दिलाया। किरोड़ी ने आरोप लगाया कि दौसा में एक बार पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, तब बेनीवाल टेबल के नीचे छुप गए थे। जबकि बेनीवाल ने इसे उल्टा बताते हुए कहा कि उस समय खुद किरोड़ी वहां से भागे थे और वसुंधरा राजे के पास चले गए थे।
किरोड़ी ने कहा – “मैंने तेरे को बचाया था, जब टोडाभीम से भागकर आया था।”
जवाब में बेनीवाल ने कहा – “क्या तेरे-तेरे लगा रखा है? आप जैसा फर्जी आदमी मैंने कभी देखा ही नहीं।”
आरोपों की बौछार और निजी टिप्पणियां
किरोड़ी ने बेनीवाल पर जाट समुदाय के युवाओं को भटकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा – “तू तो जाट है, किसान का बेटा है। शर्म आनी चाहिए। तूने जाटों के चोरों को बिगाड़ दिया।”
इस पर बेनीवाल ने पलटवार किया – “आपको जलन क्यों हो रही है? क्या जाटों का ठेका आपने ले रखा है?”
इसी बीच किरोड़ी ने आरोप लगाया कि बेनीवाल उनसे पैसे मांगते रहते थे और खुद भ्रष्टाचार में शामिल थे। उन्होंने कहा – “तू कहता था मुझे पैसे दिलाओ। मैंने इकट्ठे पैसे दिलवाए हैं, बता और दूं क्या?”
इसके जवाब में बेनीवाल ने कहा – “आप बिकाऊ हो, फैक्ट्री पर छापे मारकर उनसे पैसे ले लेते हो। आपसे ज्यादा कुछ होने वाला नहीं।”
राजनीति में व्यक्तिगत हमले
यह बहस इस कदर तीखी हो गई कि दोनों नेताओं ने न केवल राजनीतिक बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी एक-दूसरे पर हमले किए। किरोड़ी ने कहा – “अपनी सीमा में रहो, वरना सारी नेतागिरी भुला दूंगा।”
इस पर बेनीवाल ने कहा – “सीमा में रहो, ठीक है। अब आपका जमाना गया।”