मनीषा शर्मा। राजस्थान में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग से जुड़े अपराधों को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। क्षेत्रीय करणी सेना के संस्थापक डॉ. राज शेखावत ने लॉरेंस बिश्नोई को लेकर बेहद कड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि बिश्नोई गैंग के बढ़ते प्रभाव, भय और अपराधों से समाज और व्यापार जगत लगातार प्रभावित हो रहा है, इसलिए सरकार को तुरंत कड़ा कदम उठाना चाहिए।
राज शेखावत ने यह भी कहा कि देश और प्रदेश में लॉरेंस बिश्नोई को कुछ लोग “धर्म योद्धा” की तरह प्रस्तुत करते हैं, जबकि उसका आपराधिक रिकॉर्ड इसके बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार को बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, क्योंकि इसके अपराध केवल क्षेत्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैले हुए हैं।
“लॉरेंस बिश्नोई कोई धर्म योद्धा नहीं” – राज शेखावत
अपनी टिप्पणी में शेखावत ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई की छवि बनाने की कोशिश गलत है। उनके अनुसार—
वह हत्या, फिरौती और नशे के कारोबार में शामिल है।
ऐसे अपराधों से जुड़े व्यक्ति को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत नहीं माना जा सकता।
समाज में उसके लिए किसी भी तरह का महिमामंडन आपत्तिजनक और खतरनाक है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर उसे बड़ा बताते हैं, लेकिन इससे समाज का नुकसान ही होगा। शेखावत ने दावा किया कि उनके समाज के मुखिया की हत्या भी इसी गैंग ने की, इसलिए क्षत्रिय समाज में स्वाभाविक आक्रोश है। उन्होंने मामले में न्याय और सख्त कार्रवाई की मांग को दोहराया।
“युवाओं को अपराध नहीं, शहीद भगत सिंह और महाराणा प्रताप जैसे आदर्श चाहिए”
राज शेखावत ने युवाओं की सोच पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अपराध में संलिप्त कुछ युवा गैंगस्टर संस्कृति को “स्टाइल” समझ बैठते हैं, जबकि सही प्रेरणा शहीद भगत सिंह, महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी जैसे वीरों से मिलनी चाहिए।
शेखावत ने कहा कि विदेशों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को खतरनाक और आतंक से जुड़ा माना जाता है, इसलिए भारत में भी इस पर प्रतिबंध और कड़ी निगरानी लागू होनी चाहिए। यह सवाल उन्होंने गंभीरता से उठाया कि जब दूसरे देश इस गैंग को खतरनाक मान चुके हैं, तो भारत में इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने में देरी क्यों?
अर्थव्यवस्था पर असर: “देश का व्यापारी बहुत दुखी और भयभीत”
बिश्नोई गैंग पर लगाए जाने वाले प्रमुख आरोपों में व्यापारियों से फिरौती की मांग शामिल है। शेखावत ने इसे लेकर कहा कि—
देश का व्यापारी वर्ग पहले ही आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है।
ऐसे गैंगों की वजह से व्यापारियों में डर और असुरक्षा बढ़ती है।
व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं, और इस वर्ग में भय का माहौल होना चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि अपराध और फिरौती की घटनाएँ बढ़ने से व्यापारी वर्ग मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से प्रभावित होता है, इसलिए सरकार को अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करके स्थिति को नियंत्रण में लाना ही होगा।
करणी सेना का सरकार को संदेश: “या गैंग खत्म करो, या फिर वोट की चोट झेलो”
राज शेखावत ने कहा कि यह केवल उनका व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा, सम्मान और न्याय से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि—
गैंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो समाज नाराजगी जताएगा।
क्षत्रिय समाज सरकार से अपेक्षा करता है कि वह अपराधियों पर निर्णायक कार्रवाई करे।
यदि कानून-व्यवस्था कमजोर रहेगी, तो जनता चुनाव में उसका जवाब देगी।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि समाज जब एकजुट होकर अपनी मांग उठाता है, तो सरकार को उसे गंभीरता से सुनना चाहिए।


