मनीषा शर्मा। राजस्थान के करौली जिले में 76वां गणतंत्र दिवस समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, लेकिन यह कार्यक्रम कई विवादों के कारण चर्चा का विषय बन गया। जिला स्तरीय समारोह मुंशी त्रिलोक चंद माथुर स्टेडियम में आयोजित किया गया, जिसमें जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने ध्वजारोहण कर परेड का निरीक्षण किया और सलामी दी। इस अवसर पर राज्यपाल का संदेश एडीएम हेमराज परिडवाल ने पढ़ा। कार्यक्रम में जिले की 37 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया और शहीदों की वीरांगनाओं को शॉल एवं मिठाई देकर सम्मानित किया गया।
हालांकि, इस भव्य आयोजन के बीच कई विवाद उभरकर सामने आए, जो कार्यक्रम की गरिमा पर सवाल खड़े करते हैं।
क्षेत्रीय नेताओं और अधिकारियों की अनुपस्थिति
इस समारोह में क्षेत्रीय विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, नगर परिषद सभापति पूनम पचौरी सहित कई अन्य प्रमुख नेता और अधिकारी अनुपस्थित रहे। स्टेज पर इन नेताओं और जिला स्तरीय अधिकारियों की गैरमौजूदगी ने कार्यक्रम को लेकर सवाल खड़े किए। नगर परिषद सभापति ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि डीएम अपनी मर्जी से काम करते हैं और आमजन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान नहीं देते।
खाली कुर्सियां बनी चर्चा का विषय
समारोह में स्टेज पर खाली पड़ी कुर्सियां प्रशासन की ओर से लापरवाही का संकेत देती दिखीं। प्रमुख अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति ने सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाए। आमतौर पर जिला कलेक्टर अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हैं, लेकिन इस बार राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम में खुद अधिकारियों की लापरवाही स्पष्ट रूप से दिखी।
राष्ट्रगान में बाधा
समारोह के दौरान सबसे गंभीर घटना राष्ट्रगान में बाधा डालने की रही। बालिका स्कूल की प्रिंसिपल ने बीच राष्ट्रगान में खलल डाला, जिसे महिला पुलिस ने रोका। इसके बाद राष्ट्रगान को फिर से शुरू करवाया गया। इस घटना ने कार्यक्रम की गरिमा को ठेस पहुंचाई। जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और जांच के आदेश दिए हैं।
डीएम और एडीएम का बयान
जब जिला कलेक्टर से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए फोन काट दिया। वहीं, एडीएम हेमराज परिडवाल ने कहा कि अनुपस्थित अधिकारियों और राष्ट्रगान में बाधा डालने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा अधिकारी इंद्रेश शर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपी जाएगी।
भव्यता के बावजूद विवादों में घिरा रहा कार्यक्रम
जहां एक ओर 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में जिले की प्रतिभाओं और शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मानित कर एक सकारात्मक संदेश दिया गया, वहीं दूसरी ओर नेताओं और अधिकारियों की अनुपस्थिति, खाली कुर्सियां और राष्ट्रगान में खलल ने कार्यक्रम की गरिमा को ठेस पहुंचाई।