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जस्टिस केआर श्रीराम होंगे राजस्थान हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश

जस्टिस केआर श्रीराम होंगे राजस्थान हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश

शोभना शर्मा।   राजस्थान हाईकोर्ट को जल्द ही नया मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केआर श्रीराम को राजस्थान हाईकोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश के तहत मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएम श्रीवास्तव का स्थानांतरण मद्रास हाईकोर्ट में किया जाएगा।

कॉलेजियम द्वारा की गई यह सिफारिश हाल ही में देश के चार राज्यों के हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के बदलाव के तहत की गई है। इससे पहले भी कॉलेजियम विभिन्न हाईकोर्टों के लिए नियमित रूप से स्थानांतरण और नियुक्तियों की अनुशंसा करता रहा है, ताकि न्यायिक प्रणाली में संतुलन और न्यायिक प्रक्रिया की प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।

जस्टिस केआर श्रीराम: एक परिचय

जस्टिस केआर श्रीराम का जन्म 28 सितंबर 1963 को मुंबई में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त की और बाद में मुंबई विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके पश्चात उन्होंने लंदन से एलएलएम की डिग्री प्राप्त कर न्यायिक क्षेत्र में गहराई से अध्ययन किया।

वकालत के क्षेत्र में उन्होंने जुलाई 1986 में महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न न्यायिक मंचों पर सक्रिय रूप से प्रैक्टिस की।

न्यायिक सेवा में उत्कृष्ट योगदान

21 जून 2013 को जस्टिस श्रीराम को बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। बाद में मार्च 2016 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। उन्होंने अपने न्यायिक करियर में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए और जटिल कानूनी मसलों का समाधान किया।

सितंबर 2024 में उन्हें मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया को सुचारु बनाने और न्याय वितरण प्रणाली को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय

न्यायिक सेवाओं के साथ-साथ जस्टिस श्रीराम सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे हैं। वे एक स्वयंसेवी संगठन (NGO) के उपाध्यक्ष के रूप में दिवंगत लोगों के अंतिम संस्कार और श्राद्ध की व्यवस्था में सहयोग करते रहे हैं। यह उनके संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो न्यायिक सेवा में भी परिलक्षित होता है।

न्यायपालिका में संतुलन और प्रभावशीलता की कोशिश

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की यह सिफारिश न्यायपालिका में संतुलन और नीतिगत स्थानांतरण की प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके तहत वरिष्ठ न्यायाधीशों का विभिन्न उच्च न्यायालयों में अनुभव साझा करना और प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर बनाना मुख्य उद्देश्य होता है।

राजस्थान हाईकोर्ट को जल्द ही एक अनुभवी और विद्वान मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस केआर श्रीराम का नेतृत्व मिलने जा रहा है। उनसे अपेक्षा की जा रही है कि वे न्यायालय की कार्यशैली में पारदर्शिता, गति और जनहित के प्रति उत्तरदायित्व को और सशक्त बनाएंगे।

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