शोभना शर्मा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के 31 मई को जयपुर दौरे के बाद से राजस्थान की सियासत में गर्माहट देखने को मिल रही है। नड्डा के दौरे और कार्यकर्ताओं को दी गई नसीहतों के बाद कांग्रेस ने तंज कसा, जिसके जवाब में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने पलटवार किया है। इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ राजस्थान की राजनीति को गरमाया है, बल्कि आगामी निकाय और विधानसभा उपचुनावों से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच शब्दों की जंग और तेज़ हो गई है।
डोटासरा ने उठाया सवाल, बीजेपी पर कसा तंज
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नड्डा के दौरे के बाद एक तीखा बयान दिया, जिसमें उन्होंने बीजेपी में संभावित अंतर्कलह को उजागर करने की कोशिश की। उन्होंने भाजपा नेता और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर कहा, “वह कभी-कभी सरकार पर टोटका कर देते हैं। उन्हें खुद नहीं पता कि वह किस विभाग के मंत्री हैं।” डोटासरा के इस बयान को बीजेपी की अंदरूनी स्थिति पर सीधा हमला माना गया, जिससे यह विवाद और भी गंभीर हो गया।
मदन राठौड़ का पलटवार – कांग्रेस पहले अपना घर संभाले
कांग्रेस के हमले का जवाब देते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि पार्टी में कोई अंतर्कलह नहीं है और सबकुछ ठीक है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि “वह पहले अपने आंतरिक झगड़े सुलझाए, फिर दूसरों पर टिप्पणी करे।”
उन्होंने कांग्रेस में चल रही अंदरूनी खींचतान का हवाला देते हुए कहा कि “डोटासरा और जूली के बीच चल रही तनातनी अब छुपी नहीं रही है। डोटासरा इतनी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं कि वे अब तक विधानसभा तक नहीं पहुंचे हैं।”
लोकसभा विशेष सत्र और अमेरिकी टिप्पणी पर भी बोले राठौड़
कांग्रेस द्वारा लोकसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर भी मदन राठौड़ ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “भाजपा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भरोसा रखती है। सत्र समय पर बुलाया जाएगा और कांग्रेस को धैर्य रखना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस खुद अपने नेताओं की भूमिका पर सवाल खड़े कर रही है। अमेरिका द्वारा भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान की गई टिप्पणी पर राठौड़ ने कहा कि “वहां कोई पंचायती नहीं हुई।”
इमरजेंसी की याद दिलाकर कांग्रेस पर हमला
मदन राठौड़ ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आपातकाल (Emergency) की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “जो पार्टी खुद देश में इमरजेंसी लगाकर संविधान की हत्या कर चुकी है, उसे भाजपा पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” राठौड़ ने यह भी कहा कि जनता जानती है कि देश को दिशा देने वाली पार्टी भाजपा है और विघटन फैलाने वाली ताकतें कांग्रेस में बैठी हैं।
बीजेपी का अंदरूनी संगठन मजबूत, कांग्रेस में असंतोष – विश्लेषण
जेपी नड्डा के दौरे का उद्देश्य पार्टी संगठन को आगामी चुनावों के लिए तैयार करना था। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अनुशासन, समर्पण और जनता से जुड़ाव बढ़ाने की सलाह दी। विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस की ओर से किए गए तंज नड्डा की सख्ती को आंतरिक कलह के रूप में पेश करने की कोशिश हो सकती है, जबकि बीजेपी इसे संगठनात्मक दृढ़ता बताकर जवाब दे रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस में हाल ही में आए विधानसभा स्तर पर विरोध, जूली और डोटासरा के बीच मतभेद जैसी बातें सामने आई हैं, जिससे उनकी अपनी एकजुटता भी सवालों के घेरे में है।
क्या इस बहस का असर आगामी चुनावों पर पड़ेगा?
राजस्थान में विधानसभा उपचुनावों और निकाय चुनावों से पहले यह सियासी भिड़ंत राजनीतिक एजेंडे को तय कर सकती है। जहां बीजेपी अपने संगठन की एकता और केंद्र की योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में है, वहीं कांग्रेस मंहगाई, बेरोजगारी और भाजपा की कथित विफलताओं को मुद्दा बनाकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।