मनीषा शर्मा। राजस्थान का जोधपुर शहर आज से तीन दिनों तक राष्ट्रीय राजनीति और विचार विमर्श का केंद्र बनने जा रहा है। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उससे जुड़े 32 संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक की शुरुआत हो गई है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ-साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे।
गुरुवार शाम को जेपी नड्डा जोधपुर पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। हालांकि सीएम तुरंत बाद जयपुर लौट गए, जबकि नड्डा सीधे इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए रुके।
320 प्रतिनिधियों की भागीदारी
इस बैठक में लगभग 320 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जो संघ और उससे जुड़े संगठनों के अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। ये प्रतिनिधि अपने-अपने अनुभव और कामकाज को साझा करेंगे और देश की मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा करेंगे।
आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य किसी तरह का औपचारिक निर्णय लेना नहीं है, बल्कि विभिन्न संगठनों के बीच सहयोग और समन्वय को मजबूत करना है।
RSS बैठक का मुख्य उद्देश्य – सहयोग और संवाद
सुनील आंबेकर ने स्पष्ट किया कि यह बैठक केवल विचारों के आदान-प्रदान और अनुभव साझा करने का मंच है। उन्होंने कहा,
“यह मंच निर्णय लेने के लिए नहीं है, क्योंकि हर संगठन की अपनी कार्यकारी समिति होती है। यहां हम अपने जमीनी अनुभव साझा करेंगे और देश की स्थिति का आकलन करेंगे।”
बैठक में विशेष रूप से पंजाब, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन क्षेत्रों में सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियां अलग-अलग हैं और प्रतिनिधि अपने अनुभव प्रस्तुत करेंगे।
राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा पर मंथन
इस बैठक के एजेंडे में कई बड़े मुद्दे शामिल हैं। राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और सामाजिक दृष्टिकोण से जुड़े पहलुओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि समाज को और अधिक एकजुट कैसे किया जा सकता है और क्षेत्रीय असमानताओं को कैसे कम किया जाए।
राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव को लेकर संघ और उससे जुड़े संगठन लंबे समय से सक्रिय रहे हैं, ऐसे में इस बैठक में इन बिंदुओं पर गहन विमर्श होने की संभावना है।
पांच व्यापक विषयों पर गहन चर्चा
जोधपुर में चल रही इस बैठक में शुक्रवार को पांच प्रमुख विषयों पर गहन मंथन होगा। ये विषय हैं:
सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना – समाज में आपसी विश्वास और भाईचारे को मजबूत करने की रणनीतियां।
परिवार की संस्था को मजबूत करना – बदलते समय में पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं को सहेजने पर बल।
पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को प्रोत्साहन – सतत विकास और पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देना।
भाषा और पहनावे में क्षेत्रीय पहचान को मान्यता – भारत की सांस्कृतिक विविधता को सम्मान देना।
आत्मनिर्भरता और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता – स्वदेशी विचारों को बढ़ावा देना और नागरिक जिम्मेदारियों का निर्वहन।
इन विषयों को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि अपने विचार साझा करेंगे और सुझाव देंगे कि समाज में इन्हें लागू करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
जोधपुर में माहौल और राजनीतिक महत्व
राजस्थान में बीजेपी की सत्ता है और ऐसे में इस बैठक का महत्व और भी बढ़ गया है। पार्टी अध्यक्ष नड्डा का इसमें शामिल होना इस बात का संकेत है कि संघ और भाजपा के बीच समन्वय और सहयोग की प्रक्रिया को और मजबूत करने की कोशिश हो रही है।