मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में विधानसभा गतिरोध को लेकर चल रही बहस के बीच राज्य के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘पलटूराम’ करार दिया और कहा कि उन्होंने विधानसभा में विपरीत आचरण किया।
जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान जोगाराम पटेल ने कहा कि एक व्यक्ति ने पूरी कांग्रेस पार्टी और विधानसभा को हाईजैक कर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यही व्यक्ति नहीं चाहता था कि नेता प्रतिपक्ष सदन में अपनी बात रखें। पटेल ने कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के कारण यह गतिरोध पैदा हुआ और इसे और अधिक उलझाने की कोशिश की गई।
कैबिनेट मंत्री ने कांग्रेस के अंदरूनी विवाद को ठहराया जिम्मेदार
पटेल ने विधानसभा में जारी गतिरोध पर कहा कि यह कांग्रेस की आपसी खींचतान का परिणाम है। उन्होंने कहा,
“दिल्ली में अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने के लिए एक नेता खुद की पार्टी के नेता प्रतिपक्ष को बोलने नहीं देना चाहते। यह पूरा मामला उनकी ही साजिश का हिस्सा लग रहा है, जिसकी चर्चाएं काफी समय से हो रही हैं।”पटेल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस खुद ही अपनी पार्टी के भीतर लड़ रही है, जिससे सदन की कार्यवाही प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उन्होंने स्वयं इस गतिरोध को खत्म करने का प्रयास किया, लेकिन इसके विपरीत जाकर ‘पलटूराम’ ने ऐसा आचरण किया, जिससे मामला और बिगड़ गया।
“लाइमलाइट में आने के लिए हो रहा हंगामा” – जोगाराम पटेल
कैबिनेट मंत्री पटेल ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ लाइमलाइट में आने के लिए यह सब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पूरी तैयारी के साथ आए थे, लेकिन उन्हें बोलने ही नहीं दिया गया। पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक नेता ने जानबूझकर हंगामा कर सदन की कार्यवाही बाधित की।
उन्होंने कहा,
“अगर कांग्रेस को वास्तव में कोई आपत्ति थी तो नेता प्रतिपक्ष के बयान के बाद भी हंगामा कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बल्कि, पूरा मामला केवल सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए उछाला गया।”
“सभी दल सदन में अपनी बात रखें” – पटेल ने की अपील
पटेल ने कहा कि उनका और सरकार का हमेशा यही प्रयास रहेगा कि सदन में गतिरोध खत्म हो और सभी दल अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हों। उन्होंने कांग्रेस के सभी नेताओं से अपील की कि वे भी इस गतिरोध को खत्म करने में सहयोग करें और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालें।
पटेल ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद और बहस का अपना महत्व होता है, लेकिन कांग्रेस की आंतरिक कलह और गुटबाजी ने सदन को बाधित कर दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का कर्तव्य है कि वे सरकार से सवाल पूछें, लेकिन इस तरह से सदन को बाधित करना उचित नहीं है।
विवादित बयान से बढ़ा था गतिरोध
गौरतलब है कि विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर की गई एक टिप्पणी के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत 6 कांग्रेस विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिससे विधानसभा की कार्यवाही लगातार बाधित होती रही।
गतिरोध को खत्म करने के लिए शनिवार को संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कांग्रेस विधायकों के साथ वार्ता करने की कोशिश की थी। हालांकि, कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया और गतिरोध जारी रहा।
राजनीतिक खींचतान ने रोकी सदन की कार्यवाही
राजस्थान विधानसभा में चल रहे इस गतिरोध से आम जनता को भी निराशा हुई है। सदन का मूल उद्देश्य राज्य की नीतियों और योजनाओं पर चर्चा करना है, लेकिन कांग्रेस की आंतरिक कलह के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।