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जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई का निधन: इलाज में लापरवाही का आरोप

जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई का निधन: इलाज में लापरवाही का आरोप

शोभना शर्मा। जोधपुर की सहायक कलेक्टर और 2016 बैच की RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई का हाल ही में निधन हो गया है, जिससे राजस्थान की प्रशासनिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका निधन अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। इस मामले में प्रियंका के परिवार और विश्नोई समाज ने जोधपुर के निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है, जहाँ प्रियंका की सर्जरी हुई थी। परिवार का दावा है कि उनकी तबीयत में गिरावट यहीं से शुरू हुई थी। इस गंभीर मामले की जांच के आदेश जिला कलेक्टर ने दे दिए हैं और जांच कमेटी तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी।

प्रियंका बिश्नोई: होनहार अधिकारी का सफर

प्रियंका बिश्नोई राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की एक होनहार अधिकारी थीं। वे बीकानेर जिले के नोखा से थीं, और उन्होंने 2016 में RAS परीक्षा पास कर प्रशासनिक सेवा में कदम रखा। 1 सितंबर को उनका तबादला नगर निगम उपायुक्त के पद पर किया गया था। अपनी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा के कारण उन्होंने बहुत ही कम समय में एक प्रभावशाली अधिकारी के रूप में पहचान बनाई थी। हाल ही में, उन्हें 15 अगस्त के अवसर पर सम्मानित भी किया गया था, जो उनकी प्रतिभा और प्रशासनिक कौशल का प्रमाण था।

सर्जरी के बाद बिगड़ी तबीयत

5 सितंबर को प्रियंका बिश्नोई को जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में एक सर्जरी के लिए भर्ती किया गया था। सर्जरी के बाद उनकी तबीयत में सुधार होने के बजाय स्थिति और गंभीर होती गई। परिवार के अनुसार, प्रियंका की हालत लगातार बिगड़ रही थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों ने समय पर सही इलाज नहीं किया। जब स्थिति गंभीर हो गई, तो 7 सितंबर को प्रियंका को बेहतर इलाज के लिए अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। वहाँ, कई दिनों तक चले इलाज के बाद, दुर्भाग्यवश बुधवार रात को उनका निधन हो गया।

लापरवाही के आरोप और जांच की मांग

प्रियंका बिश्नोई के परिजनों ने जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। प्रियंका के ससुर, सहीराम विश्नोई, जो खुद एक पुलिस अधिकारी रह चुके हैं, ने जोधपुर के कलेक्टर को लिखित शिकायत दी है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अस्पताल में सही समय पर इलाज नहीं होने के कारण प्रियंका की हालत बिगड़ी और अंततः उनकी मौत हो गई।

विश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र विश्नोई ने भी प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से समाज में असुरक्षा का माहौल बनता है, जिसे खत्म करने के लिए ऐसी लापरवाहियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

जांच कमेटी का गठन और रिपोर्ट की प्रतीक्षा

प्रियंका के परिवार की शिकायत पर जिला कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई की और मामले की जांच के आदेश दिए। एक मेडिकल जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि अस्पताल की लापरवाही साबित होती है, तो संबंधित डॉक्टरों और प्रशासन के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।

मुख्यमंत्री और समाज का शोक

प्रियंका बिश्नोई के निधन की खबर से उनके परिवार के साथ-साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में भी शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी प्रियंका के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि प्रियंका एक होनहार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थीं, जिनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।

विश्नोई समाज के सदस्यों ने भी प्रियंका बिश्नोई को श्रद्धांजलि दी और उनके असमय निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने प्रियंका को श्रद्धांजलि देते हुए उनके कार्यों की प्रशंसा की।

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