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JLN अस्पताल में आधार बेस्ड मोबाइल ऐप से होगी हाजिरी, 1 मई से लागू

JLN अस्पताल में आधार बेस्ड मोबाइल ऐप से होगी हाजिरी, 1 मई से लागू

मनीषा शर्मा। अजमेर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, जवाहरलाल नेहरू (JLN) अस्पताल में स्टाफ की उपस्थिति प्रणाली में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। अब कर्मचारियों की हाजिरी पारंपरिक बायोमेट्रिक मशीनों के बजाय एक आधार बेस्ड मोबाइल ऐप के जरिए ली जाएगी। यह निर्णय अस्पताल प्रशासन द्वारा डिजिटल तकनीक के बेहतर उपयोग और कर्मचारियों को मशीन संबंधी दिक्कतों से राहत दिलाने के उद्देश्य से लिया गया है।

इस नई प्रणाली के तहत स्टाफ को अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन में एक विशेष ऐप इंस्टॉल करना होगा। यह ऐप केवल अस्पताल परिसर की लोकेशन में ही सक्रिय रहेगा और काम करेगा। ऐप का उपयोग करते समय स्टाफ को अपने आधार कार्ड के अंतिम 8 अंकों को ऐप में भरना होगा और अपनी एक लाइव फोटो क्लिक करके अपलोड करनी होगी। इसके बाद उपस्थिति स्वतः दर्ज हो जाएगी।

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने जानकारी देते हुए बताया कि आधार बेस्ड इस ऐप की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है और 1 मई 2025 से इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कर्मचारियों को अब बायोमेट्रिक मशीन तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे अस्पताल परिसर में प्रवेश करते ही मोबाइल से हाजिरी लगा सकेंगे।

इससे पहले, कर्मचारियों को बायोमेट्रिक मशीनों पर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी होती थी और कभी-कभी मशीनों की खराबी के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती थी। इस ऐप के माध्यम से यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

यह ऐप केवल अस्पताल परिसर की भौगोलिक स्थिति में ही कार्य करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारी वास्तव में ड्यूटी पर उपस्थित हैं और अस्पताल की सीमा में हैं। इसका उद्देश्य अस्पताल की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाना है।

डॉ. खरे ने यह भी बताया कि यह बदलाव राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की गाइडलाइन के तहत किया जा रहा है। NMC ने अस्पतालों में आधुनिक तकनीकों के उपयोग और पारदर्शी उपस्थिति प्रणाली अपनाने की सिफारिश की है। इसी क्रम में JLN अस्पताल ने इस पहल की शुरुआत की है।

अस्पताल प्रशासन का मानना है कि इस तकनीकी पहल से कर्मचारियों की समय पर हाजिरी सुनिश्चित हो सकेगी और कार्यक्षमता में भी सुधार आएगा। साथ ही इससे यह भी प्रमाणित होगा कि कर्मचारी कार्य स्थल पर ही उपस्थित हैं, न कि बाहर से उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।

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