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झुंझुनूं सांसद बृजेंद्र ओला का दावा: “हम चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे

झुंझुनूं सांसद बृजेंद्र ओला का दावा: “हम चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे

मनीषा शर्मा। झुंझुनूं के कांग्रेस सांसद बृजेंद्र ओला ने अपने और अपने परिवार की चुनावी नीयत के बारे में एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनका परिवार और वे स्वयं चुनाव में हिस्सा नहीं लेना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देकर मैदान में उतार दिया। ओला के अनुसार, पार्टी ने यह भी कहा कि यदि किसी अन्य व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया गया, तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी। यह बात उन्होंने रविवार रात को अपने बेटे अमित ओला के समर्थन में जनसंपर्क के दौरान मंड्रेला रोड पर लोगों को संबोधित करते हुए कही।

कांग्रेस पार्टी का झुंझुनूं से अमित ओला को टिकट

इस उपचुनाव में कांग्रेस ने झुंझुनूं सीट से सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है। बृजेंद्र ओला ने जनसंपर्क के दौरान कहा कि वे लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे और उन्होंने पार्टी को विधायक ही बने रहने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन पार्टी ने उनकी बात न मानते हुए टिकट देकर उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने पर मजबूर कर दिया। उसी तरह से इस उपचुनाव में भी पार्टी ने उनके परिवार को चुनाव लड़ने के लिए चुना।

“साधारण चुनाव नहीं, सरकार खुद लड़ रही है चुनाव”

ओला ने इस उपचुनाव को साधारण चुनाव नहीं, बल्कि सरकार द्वारा खुद लड़ा जा रहा चुनाव बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए सरकार ने हर तरह के हथकंडे अपनाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट दिया जाता, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती। यह चुनाव में सरकार का भारी दबाव और संसाधनों का उपयोग है, जो साधारण चुनाव से भिन्न है।

सरकारी कर्मचारियों पर दबाव और धमकियों का आरोप

सांसद बृजेंद्र ओला ने बीजेपी सरकार पर आम जनता और सरकारी कर्मचारियों को धमकाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और सरकारी कर्मचारियों को डरा-धमका रही है। उनका कहना है कि झुंझुनूं के लोग मेहनती और साहसी हैं और वे किसी के भी दबाव में नहीं आते। बृजेंद्र ओला ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह पैसे और ताकत का इस्तेमाल कर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है, लेकिन झुंझुनूं के लोग बहादुर हैं और इसका करारा जवाब देंगे।

प्रदेश सरकार की योजनाओं में कटौती पर भी टिप्पणी

बृजेंद्र ओला ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर मुफ्त दवा योजना और इलाज योजनाओं में कटौती करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले इलाज के लिए सरकार 25 लाख रुपए देती थी, जिसे घटाकर 5 लाख कर दिया गया है। उन्होंने सरकार पर सामाजिक पेंशन योजना में हर साल 15% की बढ़ोतरी का कानून पास नहीं करने का भी आरोप लगाया। बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी में कटौती का भी मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार जनता के हक को छीन रही है और इस तरह की कटौती का जनता माकूल जवाब देगी।

“जनता का आशीर्वाद दिल्ली भेजने वाला”

बृजेंद्र ओला ने बताया कि लोकसभा चुनाव में जनता ने उन्हें आशीर्वाद देकर दिल्ली भेजा था। उस वक्त देश में बीजेपी का 400 से अधिक सीटें जीतने का नारा था, और कई बड़े नेता चुनाव लड़ने से भी मना कर चुके थे। यहां तक कि कांग्रेस के कई सदस्यों ने टिकट लौटा दिया था। लेकिन बृजेंद्र ओला ने उस समय जनता का भरोसा जीतकर दिल्ली में कांग्रेस की सीट पर कब्जा जमाया।

कांग्रेस से जुड़े मुद्दों पर बृजेंद्र ओला का जोर

अपने भाषण के दौरान सांसद बृजेंद्र ओला ने कांग्रेस के मूल सिद्धांतों का पालन करने और समाज की भलाई के लिए काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा जनता के कल्याण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में कांग्रेस ने उन नीतियों का अनुसरण किया है, जो जनता के हित में हैं, और उनकी पार्टी इस विचारधारा को जारी रखेगी।

बृजेंद्र ओला के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे और उनका परिवार चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक नहीं थे, लेकिन पार्टी के दबाव के कारण उन्हें चुनाव लड़ना पड़ा। उन्होंने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और सरकारी कर्मचारियों और आम जनता को धमकाकर चुनावी फायदे हासिल करने की कोशिश कर रही है।

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