शोभना शर्मा। राजस्थान के झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में मॉक ड्रिल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को भारी पड़ गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मामले के बाद कॉलेज प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को 7 दिन के लिए निलंबित कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज की अनुशासन समिति जांच में जुट गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में कार्यरत सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर महेश कुमार वर्मा ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय सुरक्षा, मॉक ड्रिल और प्रधानमंत्री के प्रति अभद्र टिप्पणी की थी। यह टिप्पणी एक डॉक्टरों के व्हाट्सएप ग्रुप में की गई थी, जहां मेडिकल कॉलेज के चुनावों को लेकर बहस चल रही थी।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय पोरवाल ने बताया कि देश इस वक्त संवेदनशील स्थिति से गुजर रहा है, खासकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे समय में किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा की गई गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी न सिर्फ अनुशासनहीनता है, बल्कि यह समाज में गलत संदेश भी फैलाती है।
प्रिंसिपल ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य आम नागरिकों और संस्थाओं को आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार करना होता है। इस तरह की ड्रिल को लेकर मजाक या अपमानजनक टिप्पणी कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। डॉक्टर महेश कुमार वर्मा के सोशल मीडिया पोस्ट पर संज्ञान लेते हुए कॉलेज प्रशासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सात दिन के लिए निलंबित कर दिया।
मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही डॉक्टर महेश कुमार वर्मा ने कॉलेज डीन के नाम एक पत्र लिखकर माफी मांगी। पत्र में उन्होंने लिखा कि मेडिकल कॉलेज चुनाव को लेकर ग्रुप में बहस चल रही थी, और उसी दौरान उनसे गलती से टिप्पणी हो गई, जिससे अगर किसी की भावना आहत हुई हो तो वे क्षमा चाहते हैं। हालांकि, माफी के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने नियमों का पालन करते हुए कार्रवाई करना जरूरी समझा।
डॉ. संजय पोरवाल ने स्पष्ट किया कि अनुशासन समिति मामले की गहन जांच करेगी और यदि डॉक्टर दोषी पाया जाता है तो आगे और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज एक जिम्मेदार संस्था है, जहां से देश को भविष्य के चिकित्सक मिलते हैं। ऐसे में किसी भी तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।