देशब्लॉग्सराजस्थानहेल्थ

1 ट्रिक से ब्लड शुगर पर नियंत्रण संभव: जेसी इंचास्पे का दावा

1 ट्रिक से ब्लड शुगर पर नियंत्रण संभव: जेसी इंचास्पे का दावा

मनीषा शर्मा। ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का संतुलन बनाए रखना अच्छे स्वास्थ्य की बुनियाद है। अगर ब्लड शुगर असंतुलित रहता है, तो इसका असर शरीर की ऊर्जा, मेटाबॉलिज़्म और कई बीमारियों पर पड़ता है। ऐसे में अगर कोई आसान और वैज्ञानिक तरीका ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करे, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है।

फ्रांस की प्रसिद्ध बायोकेमिस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्टसेलिंग लेखिका Jessie Inchauspé ने एक आसान ट्रिक साझा की है, जिससे ब्लड शुगर को बिना किसी दवा के नियंत्रित रखा जा सकता है। उनका दावा है कि अगर हम केवल खाने के क्रम में थोड़ा बदलाव करें, तो ग्लूकोज का स्तर 70% तक कम हो सकता है।

सही क्रम में खाना खाने का असर

जेसी इंचास्पे का कहना है — “आप क्या खाते हैं, यह जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि आप उसे कैसे खाते हैं।” कई लोग इस बात को नज़रअंदाज कर देते हैं कि खाना खाने का क्रम भी ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव पर गहरा असर डालता है।

उन्होंने अपने हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि खाने के सही क्रम से ब्लड शुगर में तेज़ उछाल को रोका जा सकता है, जिससे ऊर्जा लंबे समय तक बनी रहती है और थकान महसूस नहीं होती।

क्या है वह फूड ट्रिक?

फ्रेंच वैज्ञानिक के अनुसार, खाना खाने का आदर्श क्रम होना चाहिए:

  1. सबसे पहले सब्ज़ियां — फाइबर से भरपूर हरी सब्ज़ियों से भोजन की शुरुआत करें।

  2. इसके बाद प्रोटीन और हेल्दी फैट्स — जैसे दाल, अंडा, पनीर, चिकन, मछली या बादाम।

  3. सबसे आखिर में कार्बोहाइड्रेट और शर्करा — जैसे चावल, रोटी, पास्ता, आलू, मिठाई आदि।

इस क्रम का पालन करने से ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता बल्कि धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे शरीर को ऊर्जा लंबे समय तक मिलती रहती है और थकान कम होती है।

क्यों काम करता है यह तरीका?

जब आप सबसे पहले सब्ज़ियां खाते हैं, तो उनमें मौजूद फाइबर पेट में एक “प्रोटेक्टिव कोटिंग” की तरह काम करता है। यह परत बाद में खाए गए कार्बोहाइड्रेट्स को धीरे-धीरे पचने में मदद करती है। इससे शुगर लेवल में अचानक स्पाइक (तेज़ बढ़ोतरी) नहीं होती।

इस प्रक्रिया के तीन बड़े फायदे हैं:

  • ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रहता है।

  • भूख कम लगती है और अधिक देर तक पेट भरा महसूस होता है।

  • इंसुलिन रेस्पॉन्स बेहतर होता है, जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

ब्लड शुगर नियंत्रण के साथ वजन घटाने में भी मददगार

इस ट्रिक का फायदा सिर्फ डायबिटीज़ या ब्लड शुगर से जूझ रहे लोगों को ही नहीं, बल्कि हर किसी को हो सकता है। जब ब्लड शुगर स्थिर रहता है, तो आपको अचानक भूख नहीं लगती, मीठा खाने की क्रेविंग कम होती है और फैट स्टोरेज भी घटता है।

लंबे समय में यह आदत वजन घटाने (Weight Loss), पेट की चर्बी कम करने (Reducing Belly Fat) और एनर्जी लेवल बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकती है।

खाने का गैप जरूरी नहीं — बस क्रम पर ध्यान दें

जेसी इंचास्पे कहती हैं — “हमें हर बार खाने के बीच लंबा गैप रखने की जरूरत नहीं है। बस इतना ध्यान रखें कि जब भी खाएं, तो सबसे पहले सब्ज़ियां खाएं और कार्बोहाइड्रेट्स आखिर में।”

यह नियम न तो महंगा है, न ही किसी खास डाइट की तरह सख्त। आप अपने पसंदीदा खाने को छोड़ने की बजाय केवल उसका क्रम बदलकर बड़ा फर्क महसूस कर सकते हैं।

भारतीय भोजन में कैसे अपनाएं यह तरीका?

भारतीय खानपान में इस ट्रिक को अपनाना बहुत आसान है।

  • भोजन से पहले सलाद या साग-सब्ज़ियां खाएं।

  • उसके बाद दाल, पनीर या अंडा/चिकन जैसी प्रोटीन लें।

  • रोटी, चावल या मिठाई को सबसे अंत में खाएं।

अगर आप बाहर खाना खा रहे हैं, तब भी प्लेट में पहले सब्ज़ियों का हिस्सा खत्म करें, फिर बाकी भोजन लें।

वैज्ञानिक आधार और स्वास्थ्य लाभ

Jessie Inchauspé के इस सिद्धांत को कई शोध भी सपोर्ट करते हैं, जिनमें दिखाया गया है कि भोजन में फाइबर और प्रोटीन को प्राथमिकता देने से ग्लाइसेमिक रिस्पॉन्स कम होता है। यह तरीका डायबिटीज़ पेशेंट्स के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर को प्राकृतिक रूप से स्थिर किया जा सकता है।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading