मनीषा शर्मा। राजस्थान के दौसा जिले में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की अहम बैठक आयोजित की गई। यह बैठक सिकराय क्षेत्र के देवनारायण भगवान मंदिर, निहालपुरा-अचलपुरा में संपन्न हुई, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। इस बैठक में समाज के उत्थान और कुरीतियों को खत्म करने के लिए विभिन्न निर्णय लिए गए। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजय बैंसला के निर्देशानुसार, सर्वसम्मति से सिकराय विधानसभा अध्यक्ष पद पर जयसिंह पटेल जहांगीरिया को निर्वाचित किया गया। उनके चुनाव को पूरे समाज ने समर्थन दिया और उन्हें संगठन को और अधिक मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
कर्नल बैंसला के सिद्धांतों का अनुसरण करने का संकल्प
बैठक के दौरान गुर्जर समाज के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के योगदान को याद किया गया। उपस्थित सभी सदस्यों ने उनके विचारों और समाज सुधार के प्रति उनकी सोच को अपनाने की बात कही। कर्नल बैंसला के चार मुख्य सिद्धांतों – “अच्छी शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, पढ़ी-लिखी मां और कर्जमुक्त समाज” को समाज में लागू करने का निर्णय लिया गया। यह भी तय किया गया कि उनकी लाल पगड़ी को समाज की एकता और गौरव का प्रतीक माना जाएगा।
समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने का निर्णय
बैठक में समाज में व्याप्त कई कुरीतियों पर गहन चर्चा की गई। सभी सदस्यों ने एक स्वर में यह निर्णय लिया कि दहेज प्रथा, भात प्रथा, जामना और अन्य सामाजिक बुराइयों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। समाज के नेताओं ने कहा कि इन कुरीतियों के कारण आर्थिक और सामाजिक विकास बाधित हो रहा है। इसलिए अब समय आ गया है कि समाज एकजुट होकर इन बुराइयों को खत्म करे और प्रगतिशील सोच को अपनाए।
बैठक में प्रमुख नेताओं की भागीदारी
इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता संत अमर शांतेश्वर नंद महाराज ने की। इस दौरान समाज के कई वरिष्ठ और प्रभावशाली लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने विचार साझा किए और समाज के विकास की दिशा में अहम सुझाव दिए। बैठक में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष भूपेश पांचोली,पूर्व जिलाध्यक्ष रामचंद्र खूंटला, कैलाई सरपंच श्रवण सूबेदार, गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद सिकराय के अध्यक्ष पवन दडगस बासड़ा, प्रदेश संयोजक दयाराम खटाना, मोहरसिंह माल, बाबूलाल छावडी, इसके अलावा, अन्य गणमान्य व्यक्तियों में इंद्र बैंसला, राजेंद्र मोरोली, संतोष पांचोली, रामचंद्र भंडारी, हरेत गुर्जर झींझन, प्रहलाद जेलर, नाथूलाल लांगड़ी, डॉ. राजाराम पीटीआई, रामसिंह महाना, बद्री बासड़ा, किशोर रामगढ़, कमल बींदरवाडा सहित समाज के कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।
गुर्जर समाज के विकास के लिए आगे की रणनीति
बैठक में यह तय किया गया कि समाज को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। समाज के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही, गुर्जर आरक्षण आंदोलन को मजबूत करने और समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए संगठन को और अधिक सक्रिय करने पर बल दिया गया।