शोभना शर्मा। राजधानी जयपुर में शनिवार का दिन पुलिस प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण रहा, जब नए पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल ने औपचारिक रूप से अपने पद का कार्यभार संभाल लिया। सुबह ठीक 10 बजे मित्तल जयपुर पुलिस कमिश्नरेट पहुंचे, जहां उनका गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान पूर्व पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ सहित कमिश्नरेट के तमाम वरिष्ठ अधिकारी, आईपीएस अधिकारी, एडिशनल डीसीपी, एसीपी और थाना प्रभारी मौजूद रहे।
सचिन मित्तल के पदभार ग्रहण समारोह को एक प्रशासनिक अनुशासन और समर्पण की झलक माना जा रहा है। समारोह के तुरंत बाद उन्होंने अपने कामकाज की शुरुआत एक उच्चस्तरीय बैठक से की, जिसमें पुलिस कमिश्नर (ऑपरेशन) राहुल प्रकाश, एडिशनल कमिश्नर डॉ. राजीव पचार, एडिशनल पुलिस कमिश्नर (क्राइम) मनीष अग्रवाल, योगेश गोयल और चारों जिलों के डीसीपी शामिल हुए।
कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश
बैठक में मित्तल ने कानून-व्यवस्था को लेकर स्पष्ट रूप से कहा कि “हमारा लक्ष्य अपराध की कमर तोड़ना है।” उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर घटना पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए। मित्तल ने कहा कि अपराध घटित होने के बाद अगर पुलिस समय पर क्राइम सीन पर पहुंचे और तत्काल जांच शुरू करे, तो अपराध सुलझाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पुलिस को केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपराध की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाने होंगे। इसके लिए थानों को और अधिक जवाबदेह और सक्रिय बनाया जाएगा।
साइबर क्राइम पर विशेष फोकस
सचिन मित्तल ने कहा कि आने वाले समय में साइबर क्राइम सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन ठगी, बैंक फ्रॉड और सोशल मीडिया अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। ऐसे में पुलिस का दायित्व केवल अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि जनता को जागरूक करना भी है। उन्होंने कहा कि जयपुर कमिश्नरेट के स्तर पर साइबर सुरक्षा के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी और समय-समय पर साइबर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे ताकि नागरिक खुद को सुरक्षित रख सकें। साथ ही, पुलिस कर्मियों को भी नई तकनीकों और साइबर जांच के तरीकों की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
जनता के प्रति जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर
अपने संबोधन में मित्तल ने कहा कि जयपुर पुलिस का सबसे बड़ा लक्ष्य जनता का विश्वास जीतना है। उन्होंने कहा कि पुलिस और जनता के बीच संवाद जितना मजबूत होगा, अपराध नियंत्रण उतना ही प्रभावी होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर शिकायत को गंभीरता से लें और थानों पर ही मामलों का त्वरित निपटारा करें। उन्होंने यह भी कहा कि “अब किसी नागरिक को अपनी शिकायत लेकर कमिश्नरेट या पुलिस मुख्यालय तक आने की जरूरत नहीं होगी। थानों पर ही सभी शिकायतों का समाधान किया जाएगा।” मित्तल ने कहा कि पुलिसकर्मियों का व्यवहार आमजन के प्रति संवेदनशील और सम्मानजनक होना चाहिए। उन्होंने पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई और जांच प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासनिक दृष्टिकोण और भविष्य की दिशा
सचिन मित्तल की नियुक्ति को पुलिस प्रशासन में एक नई ऊर्जा और तेज निर्णय क्षमता के रूप में देखा जा रहा है। मित्तल का प्रशासनिक रिकॉर्ड अनुशासन, निष्पक्षता और प्रोफेशनल एप्रोच के लिए जाना जाता है। वे इससे पहले भी राजस्थान पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं और अपने सख्त लेकिन व्यवहारिक नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। जयपुर में उनकी तैनाती ऐसे समय में हुई है जब शहर में साइबर अपराध, ट्रैफिक अव्यवस्था और नशे के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मित्तल के आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि जयपुर पुलिस एक नई कार्यसंस्कृति और जवाबदेही के साथ शहर की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगी।


