शोभना शर्मा। दीपावली से पहले उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बड़ी सौगात दी है। पहली बार भारतीय रेलवे के इतिहास में किसी मंडल ने वर्तमान कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स के लिए भी मुफ्त दुर्घटना बीमा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत अब रेलवे परिवार का हर सदस्य सुरक्षा कवच के दायरे में आ जाएगा।
10,800 कर्मचारियों को 1 करोड़, 14,000 पेंशनर्स को 30 लाख का बीमा कवर
जयपुर मंडल रेलवे ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साथ मिलकर यह योजना लागू की है। इसके तहत जयपुर मंडल के 10,800 से अधिक कर्मचारियों को 1 करोड़ रुपये तक का और 14,000 पेंशनर्स को 30 लाख रुपये तक का मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर मिलेगा। इस योजना का लाभ जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, दौसा, रेवाड़ी और नारनौल जैसे जिलों के सभी रेलवे कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलेगा।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक पूजा मित्तल के अनुसार, “यह कदम जयपुर मंडल को भारतीय रेलवे का पहला ऐसा मंडल बनाता है जिसने पेंशनर्स को भी दुर्घटना बीमा योजना में शामिल किया है। यह न केवल कर्मचारियों की बल्कि सेवानिवृत्त हो चुके साथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।”
पेंशन अदालत में हुआ शुभारंभ
इस योजना की औपचारिक शुरुआत हाल ही में आयोजित पेंशन अदालत के दौरान हुई। कार्यक्रम में डीआरएम जयपुर रवि जैन और पेंशनर्स वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारी मौजूद रहे। इसी मौके पर इस योजना का शुभारंभ किया गया और रेलवे परिवार के सभी सदस्यों को इसकी जानकारी दी गई।
डीआरएम रवि जैन ने कहा कि “रेलवे कर्मचारियों और पेंशनर्स का योगदान अमूल्य है। इसलिए उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। यह योजना उस दिशा में एक बड़ा कदम है।”
पूरी तरह मुफ्त, बिना किसी प्रीमियम के
इस दुर्घटना बीमा योजना की सबसे खास बात यह है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। न कोई कागजी औपचारिकता, न कोई अतिरिक्त खर्च। पूरा बीमा कवरेज रेल प्रशासन और एसबीआई के अनुबंध के तहत स्वतः उपलब्ध होगा।
यह सुविधा दुर्घटना से होने वाली मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। योजना लागू होते ही रेलवे कर्मचारियों और पेंशनर्स में खुशी की लहर दौड़ गई है।
दीपावली बोनस से कम नहीं यह तोहफा
रेलवे कर्मियों के लिए यह घोषणा दीपावली बोनस से कम नहीं मानी जा रही है। आमतौर पर दीपावली के अवसर पर सरकारें बोनस या राहत राशि की घोषणा करती हैं, लेकिन इस बार जयपुर मंडल ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को सुरक्षा और सम्मान का ऐसा तोहफा दिया है जो दीर्घकाल तक उनकी मदद करेगा।
स्टेशन अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा और के.आर. मीणा के अनुसार, “यह कदम जयपुर मंडल के लिए ऐतिहासिक है। इसने साबित किया है कि रेलवे सिर्फ कार्यस्थल नहीं, बल्कि परिवार है। अब कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों को मानसिक शांति मिलेगी कि किसी दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवार को आर्थिक परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।”
कर्मचारियों और पेंशनर्स में खुशी की लहर
जयपुर मंडल रेलवे के इस निर्णय से पूरे मंडल में उत्साह का माहौल है। रेलवे स्टाफ के बीच इसे “बिना रंग, बिना फिटकरी, रंग चोखा” योजना कहा जा रहा है। पेंशनर्स, जो अक्सर ऐसी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं, अब इस योजना से बेहद खुश हैं क्योंकि अब वे भी 30 लाख रुपये तक की सुरक्षा कवच में आ गए हैं।
रेलवे कर्मचारियों ने इसे “डीआरएम रवि जैन और टीम की ऐतिहासिक पहल” बताया है। उनका कहना है कि यह बीमा योजना न केवल एक सुरक्षा कदम है, बल्कि यह कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच भरोसे और सम्मान का प्रतीक भी है।
भारतीय रेलवे के अन्य मंडलों के लिए मिसाल
जयपुर मंडल का यह कदम अब अन्य रेलवे मंडलों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। भारतीय रेलवे में यह पहला मौका है जब पेंशनर्स को दुर्घटना बीमा योजना का हिस्सा बनाया गया है। संभावना है कि आने वाले समय में अन्य जोन और मंडल भी इस मॉडल को अपनाकर अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को ऐसी ही सुविधा प्रदान करेंगे।


