शोभना शर्मा। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 अपने 19वें संस्करण के साथ ज्ञान, विचार और साहित्य की भव्य परंपरा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने जा रहा है। 15 से 19 जनवरी 2026 तक पाँच दिनों तक चलने वाला यह आयोजन अब तक के सबसे बड़े स्वरूप में सामने आ रहा है। इस वर्ष फेस्टिवल में 300 से अधिक सत्र होंगे, जबकि 500 से अधिक वक्ता भारत और दुनिया के विभिन्न देशों से अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगे। इस पैमाने के साथ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य महाकुंभ बनने जा रहा है।
फेस्टिवल में सत्रों का भव्य आयोजन
इस वर्ष जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के सत्र पाँच मुख्य मंचों — फ्रंट लॉन, चारबाग, सूर्य महल, दरबार हॉल और बैठक — में आयोजित किए जाएंगे। यह पहला मौका है जब 500 से अधिक लेखक, कलाकार, इतिहासकार, विचारक और शोधकर्ता इसमें शामिल हो रहे हैं। फेस्टिवल की रूपरेखा साहित्य, इतिहास, राजनीति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक मामलों, कविता और कला तक विस्तारित है, जो इसे बहुआयामी संवाद का केंद्र बनाती है।
अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक दिग्गजों की यादगार उपस्थिति
इस वर्ष फेस्टिवल में कई प्रतिष्ठित वैश्विक चिंतक और लेखक आकर्षण का केंद्र होंगे। बुकर पुरस्कार विजेता किरण देसाई अपनी पुस्तक “द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी” पर चर्चा करेंगी। पूर्व राज्यपाल और लेखक गोपालकृष्ण गांधी अपनी पुस्तकों “द अन्डाइइंग लाइट” और “इंडिया एंड हर फ्यूचर्स” पर विचार साझा करेंगे।
इसके अलावा कई वैश्विक हस्तियां अपने सत्रों में संवाद करती नजर आएंगी, जिनमें शामिल हैं:
बानू मुश्ताक
देवेश कपूर
अरविंद सुब्रमण्यम
के.आर. मीरा
स्टीफन फ्राय
विश्वनाथन आनन्द
रुजुता दिवेकर
वीर दास
रिचर्ड फ्लैनगन
सर टिम बर्नर्स-ली
जिमी वेल्स
लियो वराडकर
दृश्यात्मक कथा-कला, मंगा और ग्राफिक नॉवेल्स, कविता पाठ और ग्लोबल क्लाइमेट चेंज पर केंद्रित सत्र भी दर्शकों को आकर्षित करेंगे। कविता की दुनिया से ऐलिस ऑसवाल्ड, तमीम अल–बरघूती, लीना खलाफ तुफ्फाहा, उजान दत्ता, अभयर कपूर और मेघा मजूमदार जैसी आवाजें भी महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां देंगी।
भारतीय साहित्य की बुलंद आवाज भी रहेगी केंद्र में
अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के साथ भारतीय साहित्य जगत के दिग्गज भी इस बार फेस्टिवल की शोभा बढ़ाएंगे। सूची में शामिल हैं:
सुधा मूर्ति
अमिश
प्रसून जोशी
शोभा डे
अनुराधा रॉय
जीत थायिल
अश्विन सांघी
नवतेज सरना
गुरचरण दास
फेस्टिवल की सह-संस्थापक एवं निदेशक नमिता गोखले ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 इतिहास, वर्तमान और भविष्य के विचारों का संगम है। उनके अनुसार, इस वर्ष का संस्करण कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर रहस्य कथाओं तक, असंख्य विषयों को साथ लाने वाला मंच है।
आयोजकों की दृष्टि: विचारों से नई दुनिया का निर्माण
सह-संस्थापक विलियम डैलेरिम्पल ने इसे अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी और प्रभावशाली संस्करण बताया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा उत्सव है जहां दुनिया के महानतम विचारक एकत्र होकर शब्दों और विचारों से नई दुनिया का निर्माण करते हैं। टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजॉय के. रॉय ने कहा कि इस वर्ष 25 से अधिक देशों के वक्ताओं की उपस्थिति यह प्रमाण है कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक वैश्विक सांस्कृतिक आंदोलन में बदल चुका है।
पांच दिन का रचनात्मक अनुभव: हर दर्शक के लिए अनोखा अवसर
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 उन सभी लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव लेकर आ रहा है जो संवाद, विचार, अभिव्यक्ति और सृजनात्मकता की खोज में विश्वास रखते हैं। यहां दर्शकों को:
प्रश्न करने की स्वतंत्रता
विचारों के नए आयाम देखने का अवसर
सांस्कृतिक विविधताओं से परिचय
साहित्य और कला की नई धाराओं को समझने का मौका
फेस्टिवल सिर्फ एक साहित्यिक आयोजन नहीं, बल्कि जिज्ञासा, ज्ञान और चिंतन की खुली दुनिया है, जहां साहित्य प्रेमियों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, इतिहासकारों, कलाकारों और विचार जगत से जुड़े सभी लोगों के लिए कुछ न कुछ विशेष मिलेगा।


