मनीषा शर्मा। भारत की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स इस समय एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। कंपनी की ब्रिटिश यूनिट जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर अगस्त 2025 के अंत में हुआ साइबर अटैक अब तक सामान्य नहीं हो पाया है। इस साइबर हमले के चलते जेएलआर के प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स पूरी तरह बंद पड़े हैं। पहले यह रोक 24 सितंबर तक लगाई गई थी, लेकिन अब इसे 1 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। यानी लगभग तीन हफ्तों से कंपनी का उत्पादन ठप है, जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय और कारोबारी नुकसान का खतरा मंडरा रहा है।
70% रेवेन्यू पर संकट का असर
टाटा मोटर्स का लगभग 70% रेवेन्यू जगुआर लैंड रोवर से आता है। ऐसे में यह साइबर अटैक कंपनी के लिए सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि वित्तीय संकट का संकेत भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना से होने वाला अनुमानित नुकसान 2 बिलियन पाउंड (करीब 23 हजार करोड़ रुपए) तक पहुंच सकता है। यह नुकसान इतना बड़ा है कि जेएलआर के पूरे वित्तीय वर्ष 2025 के संभावित मुनाफे से भी ज्यादा है।
उत्पादन बंद होने का असर
जेएलआर के ब्रिटेन में तीन प्रमुख प्लांट्स – सोलिहुल, हेलीवुड और वॉल्वरहैंपटन – इस हमले से प्रभावित हुए हैं। इन प्लांट्स में रोजाना करीब 1,000 वाहन तैयार किए जाते हैं, लेकिन साइबर हमले के बाद कंपनी को अपने आईटी सिस्टम को तुरंत बंद करना पड़ा ताकि डेटा और नेटवर्क को और ज्यादा नुकसान से बचाया जा सके। नतीजतन, उत्पादन पूरी तरह रुक गया और हजारों कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए कहा गया।
कर्मचारियों और सप्लाई चेन पर असर
जेएलआर की ब्रिटेन फैक्ट्री में लगभग 30,000 डायरेक्ट कर्मचारी काम करते हैं। इसके अलावा, सप्लाई चेन से जुड़े लगभग 1 लाख लोग भी इस उद्योग से जुड़े हुए हैं। उत्पादन रुकने से न सिर्फ कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है बल्कि सप्लाई चेन भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इससे कंपनी का सालाना उत्पादन लक्ष्य काफी हद तक पिछड़ सकता है।
अनुमानित आर्थिक नुकसान
विशेषज्ञों का कहना है कि इस साइबर अटैक से कंपनी को लगभग 2 बिलियन पाउंड का नुकसान हो सकता है। यह रकम जेएलआर के सालाना प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (1.8 बिलियन पाउंड) से भी अधिक है। खास बात यह है कि कंपनी के पास साइबर इंश्योरेंस नहीं है, इसलिए पूरा वित्तीय बोझ टाटा मोटर्स और उसकी सहायक इकाई जेएलआर पर ही पड़ेगा।
शेयर बाजार पर असर
इस साइबर हमले का सीधा असर टाटा मोटर्स के शेयर प्राइस पर देखा जा रहा है। 25 सितंबर 2025 को कंपनी के शेयरों में 2.64% की गिरावट दर्ज की गई और यह 664.90 रुपए पर बंद हुआ। बीते 5 दिनों में ही शेयर प्राइस में 6% से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। निवेशकों को चिंता है कि इतना बड़ा नुकसान कंपनी के पूरे वित्तीय वर्ष के बैलेंस शीट को प्रभावित कर सकता है।
कंपनी की प्रतिक्रिया
जेएलआर और टाटा मोटर्स ने इस घटना को ‘मेजर आईटी इश्यू’ बताया है। हालांकि कंपनी ने अब तक नुकसान के सटीक आंकड़े साझा नहीं किए हैं। प्रबंधन का कहना है कि उनका फोकस आईटी सिस्टम को सुरक्षित करने और रिकवरी पर है। कंपनी तभी ऑपरेशंस को बहाल करेगी जब उसे पूरा भरोसा हो जाएगा कि नेटवर्क पूरी तरह सुरक्षित है।
साइबर हमलों की बढ़ती घटनाएं
यह साइबर हमला केवल जेएलआर तक सीमित नहीं है। ब्रिटेन में हाल ही के महीनों में कई बड़ी कंपनियां साइबर अटैक का शिकार हुई हैं। मार्क्स एंड स्पेंसर ग्रुप और कई अन्य रिटेल चेन भी इसी तरह की घटनाओं का सामना कर चुके हैं। यह ट्रेंड इस ओर इशारा करता है कि आज के समय में साइबर सिक्योरिटी हर कंपनी के लिए उतनी ही अहम हो गई है, जितनी उनकी उत्पादन क्षमता या बाजार रणनीति।
निवेशकों और उद्योग जगत की चिंता
निवेशकों को लगता है कि यह संकट टाटा मोटर्स की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिति पर असर डाल सकता है। साथ ही, ब्रिटेन की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, जो पहले ही ब्रेक्जिट और मंदी के दबाव से जूझ रही है, उस पर भी इस घटना का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जेएलआर जल्द ही अपने आईटी सिस्टम को ठीक नहीं कर पाती, तो यह संकट और गहरा सकता है।