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ITR Filing में छोटी गलतियां पड़ सकती हैं भारी, रिफंड में हो सकती है देरी

ITR Filing में छोटी गलतियां पड़ सकती हैं भारी, रिफंड में हो सकती है देरी

शोभना शर्मा।  आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 निर्धारित कर दी है। पहले यह समयसीमा 31 जुलाई थी, जिसे अब बढ़ाकर अतिरिक्त राहत दी गई है। अधिकतर नौकरीपेशा करदाता अब फॉर्म-16 प्राप्त करने के बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरने में जुटे हुए हैं। हालांकि, रिटर्न फाइल करते समय कई बार लोग ऐसी छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिनकी वजह से रिफंड में लंबी देरी हो सकती है या वह पूरी तरह से रुक सकता है। इस रिपोर्ट में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कौन-कौन सी गलतियां आपके रिफंड को प्रभावित कर सकती हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

रिफंड में देरी की मुख्य वजहें क्या हैं?

1. बैंक अकाउंट लिंक न होना

यदि आपने इनकम टैक्स पोर्टल पर अपना कोई ऐक्टिव बैंक अकाउंट लिंक नहीं किया है, तो रिफंड का भुगतान संभव नहीं हो पाएगा। इनकम टैक्स विभाग केवल उसी बैंक खाते में रिफंड भेजता है, जो पोर्टल पर पंजीकृत और सत्यापित हो।

2. बैंक अकाउंट का वैलिडेट न होना

बैंक अकाउंट को जोड़ने के बाद उसे वैलिडेट करना भी जरूरी होता है। यदि आपने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो आपका रिफंड प्रोसेस नहीं होगा और लंबी अड़चन आ सकती है।

बैंक अकाउंट कैसे जोड़ें और वैलिडेट करें?

  • इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करें।

  • “My Profile” सेक्शन में जाकर “Bank Account” टैब पर जाएं।

  • नया खाता जोड़ें या पहले से जुड़े खाते को अपडेट करें।

  • अकाउंट नंबर, IFSC कोड, खाता प्रकार भरें और वैलिडेट करें।

इन गलतियों से भी अटक सकता है रिफंड

1. TDS मिसमैच (Form 26AS और AIS रिपोर्ट)

अगर आपने अपने ITR में जो TDS क्लेम किया है वह Form 26AS या AIS रिपोर्ट से मेल नहीं खाता, तो विभाग आपके रिटर्न को “Mismatch” मानकर रिफंड होल्ड कर सकता है।

2. गलत डिडक्शन क्लेम (80C, 80D आदि)

कई बार करदाता डिडक्शन के नाम पर ऐसे निवेश या खर्च को भी जोड़ देते हैं, जो मान्य नहीं होते। उदाहरण के लिए – अगर आपने कोई मेडिकल इंश्योरेंस लिया ही नहीं है और फिर भी 80D का क्लेम कर दिया है, तो आपका रिफंड रोक दिया जाएगा।

3. इनकम छिपाना

यदि आपने ब्याज आय, कैपिटल गेन, फ्रीलांस इनकम जैसी अतिरिक्त आमदनियों को ITR में नहीं दिखाया है, और ये आपकी AIS रिपोर्ट में दर्ज हैं, तो आपका ITR अस्वीकार हो सकता है या रिफंड रोका जा सकता है।

4. टैक्स कैलकुलेशन में मिस्टेक

अक्सर देखा गया है कि लोग मैन्युअल रूप से इनकम और टैक्स की गणना करते हैं, जिससे कैल्कुलेशन में त्रुटियां हो जाती हैं। ऐसी त्रुटियों से भी रिफंड रोक दिया जाता है और आयकर विभाग आपके ITR को रीव्यू के लिए भेज सकता है।

आईटीआर भरने से पहले क्या करें जांच

  1. Form 16 और Form 26AS को क्रॉस चेक करें

  2. AIS रिपोर्ट (Annual Information Statement) में दी गई सभी जानकारियों को मिलाएं

  3. सभी बैंक खातों की जानकारी अपडेट करें और उन्हें वैलिडेट करें

  4. डिडक्शन क्लेम की रसीदें संभालकर रखें और सिर्फ वही क्लेम करें जो वैध हैं

  5. ITR फॉर्म को सबमिट करने से पहले सभी एंट्री की डबल चेकिंग करें

जल्दी रिफंड पाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • सही और वैध बैंक अकाउंट लिंक करें।

  • केवल उन्हीं डिडक्शन को क्लेम करें जिनका दस्तावेज आपके पास है।

  • समय से पहले ITR भरें ताकि किसी गलती को सुधारने का मौका मिल सके।

  • ITR भरने के बाद उसकी ई-वेरिफिकेशन प्रक्रिया को भी समय पर पूरा करें।

  • किसी भी त्रुटि पर ITR को तुरंत रिवाइज करें।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सजग प्रक्रिया है जिसमें हर छोटी बात का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपको जल्दी और बिना किसी अड़चन के रिफंड मिले, तो ऊपर दी गई सावधानियों को जरूर अपनाएं। ITR भरते समय की गई एक भी गलती आपके रिफंड में महीनों की देरी कर सकती है।

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