शोभना शर्मा। सोशल मीडिया के इस तेज़ दौर में हर दिन हजारों खबरें हमारी स्क्रीन पर आती हैं—कुछ चौंकाने वाली होती हैं, तो कुछ भावनाओं को भड़काने वाली। लेकिन इनमें से हर खबर सही हो, ये ज़रूरी नहीं। व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म अब महज संवाद के माध्यम नहीं रह गए, बल्कि अफवाह फैलाने के सबसे तेज़ ज़रिए बन चुके हैं। ऐसे में आम आदमी के लिए यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि किसी भी खबर की सच्चाई कैसे परखी जाए। फेक न्यूज यानी झूठी खबरें कई बार इतनी सफाई से बनाई जाती हैं कि वह सच से ज्यादा सच्ची लगती हैं। इन खबरों में अक्सर एडिट की गई तस्वीरें या पुराने वीडियो नए दावों के साथ पेश किए जाते हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि टेक्नोलॉजी ने हमें ऐसे टूल्स भी दिए हैं जिनसे हम किसी भी सूचना की सच्चाई का पता खुद लगा सकते हैं।
Google Reverse Image Search:
अगर किसी वायरल खबर में कोई फोटो शामिल है, तो उसकी सच्चाई जानने का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका है Google Reverse Image Search। इसके लिए आपको बस उस तस्वीर को गूगल इमेज सर्च में अपलोड करना है। गूगल आपको बताएगा कि वह फोटो कहां-कहां इस्तेमाल हुई है और उसका असली संदर्भ क्या है। इससे यह साफ हो जाता है कि तस्वीर एडिट की गई है, पुरानी है या किसी और घटना से जुड़ी हुई है।
PIB Fact Check और सरकारी वेबसाइट्स:
अगर किसी खबर में सरकार की योजना, नया नियम, छूट या कोई बड़ा दावा किया जा रहा हो तो तुरंत PIB (Press Information Bureau) की आधिकारिक वेबसाइट या उनके फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल पर जाएं। PIB Fact Check लगातार वायरल सरकारी दावों की जांच करता है और सही जानकारी जनता के सामने रखता है।
विश्वसनीय फैक्ट चेकिंग पोर्टल्स:
NBT Fact Check, Alt News, BOOM Fact Check जैसी कई वेबसाइट्स भारत में सक्रिय हैं, जो रोजाना वायरल हो रही खबरों, वीडियो और तस्वीरों की जांच करती हैं। इन वेबसाइट्स पर जाकर आप किसी भी वायरल कंटेंट का सच जान सकते हैं।
WhatsApp के संकेत पहचानें:
व्हाट्सऐप पर जब कोई मैसेज “Forwarded many times” के टैग के साथ आता है, तो वह शक के घेरे में आता है। यह संकेत है कि वह मैसेज कई लोगों तक पहुंच चुका है और इसकी सत्यता संदिग्ध हो सकती है। व्हाट्सऐप अब ऐसे मैसेजेस के साथ इन-ऐप सर्च का विकल्प भी देता है, जिससे आप बिना ऐप छोड़े ही फैक्ट चेक कर सकते हैं।
भावनात्मक भाषा से सावधान रहें:
अगर कोई खबर बहुत उग्र या डरावनी भाषा में लिखी गई हो, जैसे “देश खतरे में है”, “देखिए सरकार की असलियत”, या “सबको भेजो”, तो ऐसे मैसेज पर तुरंत भरोसा न करें। असली खबरें संतुलित और तथ्यों पर आधारित होती हैं। उकसाने वाली भाषा अक्सर फर्जी खबरों की पहचान होती है।