मनीषा शर्मा। गांधी जयंती के अवसर पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। नागौर जिले के श्यामसर गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय अधिकारियों और ग्रामीणों ने भाग लिया। जिला विकास अधिकारी और प्रधान प्रतिनिधि हनुमान भाकर को माला और साफा पहनाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर जिला स्वच्छता संयोजक सहदेव चौधरी ने ग्रामीणों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जानकारी दी और उनसे आग्रह किया कि वे सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा न फैलाएं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है, बल्कि यह सामुदायिक स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
प्लास्टिक प्रदूषण पर जोर
कार्यक्रम के दौरान चौधरी ने प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक की अत्यधिक उपयोग से हमारी जमीनों की पैदावार कम हो रही है और यह पर्यावरण में कई वर्षों तक नहीं नष्ट होता है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के कारण हमारी आने वाली पीढ़ियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार प्लास्टिक का उपयोग सड़कों के निर्माण में कर रही है ताकि इसे बेहतर तरीके से नष्ट किया जा सके और प्रदूषण कम हो सके। लेकिन हमें प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करना होगा और इसके नकारात्मक प्रभावों को समझना होगा।
स्वच्छता की शपथ
कार्यक्रम के अंत में, जिला स्वच्छता संयोजक ने ग्रामीणों को अपने गांव को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि श्यामसर गांव को स्वच्छ गांव की श्रेणी में लाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। यह शपथ स्वच्छता को बनाए रखने और अपने आस-पास के क्षेत्रों को साफ रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
महिलाओं की भूमिका
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर पिस्ता देवी ने भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिलाओं से आग्रह किया कि वे ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी स्वच्छता अभियान में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे घर और समुदाय दोनों की देखभाल करती हैं।