मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजधानी जयपुर के आमेर स्थित ताज होटल कल धार्मिक और सांस्कृतिक भव्यता का अद्भुत संगम देखने वाला है। वृंदावन के सुप्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय 5 दिसंबर 2025 को विवाह सूत्र में बंधने जा रहे हैं। यह आयोजन सिर्फ एक साधारण शादी न होकर धार्मिक जगत में आकर्षण का केंद्र बन गया है, क्योंकि पूरा विवाह वैदिक रीति-विधान और मंत्रोच्चार के साथ संपन्न होगा। इस पवित्र समारोह में देशभर के संत, महंत और प्रसिद्ध हस्तियां पहुंचकर आशीर्वाद देंगी।
कौन हैं दुल्हन शिप्रा?
सूत्रों के अनुसार, इंद्रेश उपाध्याय की होने वाली दुल्हन शिप्रा मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। उनके पिता हरियाणा पुलिस में डीएसपी रहे हैं और वर्तमान में परिवार अमृतसर में निवास करता है। शिप्रा और उनके परिवार की धार्मिक आस्था और संकीर्ण पारंपरिक मूल्यों को देखते हुए यह रिश्ता तय किया गया।
शादी 5 दिसंबर को सुबह 10 बजे शुरू होगी और दोपहर 1 बजे के बीच वैदिक मंत्रोच्चार के साथ फेरे संपन्न होंगे। साधु-संतों की मौजूदगी में पूरा विवाह धार्मिक ऊर्जा और अध्यात्म से परिपूर्ण होगा।
वृंदावन में पूरी हुईं पारंपरिक रस्में
इंद्रेश उपाध्याय की शादी पूर्व की सभी रस्में वृंदावन के रमणरेती आश्रम में पूरी की गईं। यहां हल्दी, मेहंदी, संगीत और अन्य रीति-रिवाजों की रस्में विधिवत आयोजित की गईं।
निकासी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें हाथी-घोड़े, शाही साज-सज्जा और पारंपरिक वाद्य संगीत का अद्भुत संगम दिखाई दिया। व्हाइट शेरवानी में सजे इंद्रेश उपाध्याय की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिन्हें उनके अनुयायी खूब पसंद कर रहे हैं।
शादी में शामिल होंगे देश के प्रमुख संत और प्रसिद्ध हस्तियां
इस शाही धार्मिक आयोजन में देश के कई प्रमुख संत और कथावाचक शामिल होने जा रहे हैं। इनमें महत्वपूर्ण नाम शामिल हैं—
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
श्री मलूक पीठाधीश्वर संत राजेंद्र दास
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर
पुंडरीक गोस्वामी
संत अलबेली माधुरी शरण
इसके साथ ही बॉलीवुड सिंगर बी प्राक भी इस विशेष विवाह में उपस्थिति दर्ज कराएंगे। जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन गोस्वामी भी आशीर्वाद देने पहुंचेंगे।
दुल्हन की तरह सजेगा ताज होटल
ताज होटल, आमेर को इस शादी के लिए बेहद शानदार तरीके से सजाया जा रहा है। पूरा परिसर भक्ति संगीत, पारंपरिक भारतीय साज-सज्जा और वैदिक थीम के साथ तैयार किया जा रहा है।
धार्मिक माहौल को और अधिक पवित्र बनाने के लिए पूरे आयोजन में वैदिक संस्कृति को केंद्र में रखा गया है। समारोह में प्रवेश के लिए विशेष अनुमति की व्यवस्था की गई है, जिससे सुरक्षा और गोपनीयता पर विशेष ध्यान दिया जा सके।


