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कामकाजी महिलाओं के लिए 2024 में भारत के सबसे सुरक्षित शहर

कामकाजी महिलाओं के लिए 2024 में भारत के सबसे सुरक्षित शहर

शोभना शर्मा।  हाल ही में ‘अवतार’ नामक वर्क प्लेस कल्चर कंसल्टिंग फर्म ने भारत में कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित शहरों की सूची जारी की है। यह रिपोर्ट महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर समावेशी और सुरक्षित वातावरण को प्राथमिकता देते हुए 120 शहरों का आकलन करती है। इसमें सोशल इन्क्लूजन स्कोर (एसआईएस) और इंडस्ट्री इन्क्लूजन स्कोर (आईआईएस) को मुख्य आधार बनाया गया है। रिपोर्ट में बेंगलुरु को देश का सबसे सुरक्षित शहर बताया गया है, जबकि राज्यों में केरल को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य घोषित किया गया है।

राजस्थान के पांच शहर भी इस सूची में शामिल हुए हैं। जयपुर 16वें, जोधपुर 34वें, अजमेर 39वें, कोटा 42वें और उदयपुर 84वें स्थान पर रहे। जयपुर को विशेष रूप से एसआईएस में 34वां और आईआईएस में 11वां स्थान मिला। हालांकि, उदयपुर को इस सूची में 84वें स्थान पर ही संतोष करना पड़ा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां रोजगार और महिला सुरक्षा के लिए अभी और सुधार की आवश्यकता है।

दक्षिण भारत में बेहतर माहौल

रिपोर्ट से यह भी पता चला कि दक्षिण भारत के शहरों में महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण है। देश के 25 सबसे सुरक्षित शहरों में से 15 शहर दक्षिण भारत से हैं। बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और पुणे टॉप 5 शहरों में शामिल हैं। उत्तर भारत से सिर्फ जयपुर, दिल्ली, गुरुग्राम, शिमला और जम्मू ही शीर्ष 25 शहरों में स्थान बना सके। दिल्ली को आठवां स्थान मिला है, जो इसे उत्तर भारत में सबसे सुरक्षित शहरों में से एक बनाता है।

राजस्थान के शहरों की स्थिति

राजस्थान के पांच शहर इस सूची में शामिल होने में सफल रहे, लेकिन उनकी रैंकिंग बहुत प्रभावशाली नहीं है। सबसे बेहतर प्रदर्शन जयपुर का रहा, जो 16वें स्थान पर है। इसके बाद जोधपुर और अजमेर का क्रमशः 34वां और 39वां स्थान है। कोटा को 42वें स्थान पर रखा गया है, जबकि पर्यटन के लिए मशहूर उदयपुर 84वें स्थान पर ही अटक गया। यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि प्रदेश में महिलाओं के लिए अधिक समावेशी और सुरक्षित वातावरण बनाने की जरूरत है।

अध्ययन के मापदंड

अवतार की रिपोर्ट में भारत सरकार की ‘ईज ऑफ लिविंग रिपोर्ट’, मानव सूचकांक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण, ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो और उच्च शिक्षा के अन्य संकेतकों को शामिल किया गया। इन सभी मापदंडों के आधार पर शहरों को आंका गया और महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल के लिहाज से उनका स्थान तय किया गया।

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