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भारत की पहली बैटरी स्वैपेबल बसें लॉन्च

भारत की पहली बैटरी स्वैपेबल बसें लॉन्च

Manisha Sharma. भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, सन मोबिलिटी ने हैवी इलेक्ट्रिक वाहनों (HEV) के लिए दुनिया की पहली बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी पेश की है। इस टेक्नोलॉजी के साथ, बैंगलोर की बस मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी वीरा वाहन के सहयोग से, इंटरसिटी और ग्रामीण मार्गों के लिए भारत की पहली 10.5 मीटर बैटरी स्वैपेबल बसें लॉन्च की गई हैं। इस ऐतिहासिक लॉन्च का आयोजन बस एंड कार ऑपरेटर्स कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (BOCI) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, प्रवास 4.0 में किया गया। वीरा वाहन के सभी वाहनों में अब इसी तकनीक का उपयोग होगा, जो भारत में इलेक्ट्रिक बसों के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत करेगा।

इलेक्ट्रिफिकेशन है आवश्यक

वाणिज्यिक वाहनों की फ्लीट, विशेष रूप से हैवी वाहनों का इलेक्ट्रिफिकेशन उत्सर्जन में कमी लाने, हवा की गुणवत्ता सुधारने, और परिवहन सेक्टर की एफिशियंसी बढ़ाने के लिए जरूरी है। सन मोबिलिटी का प्रमाणित और परखा गया स्मार्ट बैटरी समाधान हल्के, मध्यम और भारी ट्रकों एवं बसों के लिए उपयुक्त है। इसके अंतर्गत 3 टन से 55 टन तक के सकल वजन वाले वाहनों (जीडब्लूवी) को शामिल किया गया है।

स्वैपिंग से 40 प्रतिशत सस्ती होगी बैटरी

सन मोबिलिटी की इस नई बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी से बसों की अग्रिम लागत में 40 प्रतिशत तक की कमी आएगी, जिससे यह लागत पारंपरिक डीज़ल से चलने वाली बसों से मेल खाएगी। यह तकनीक फ्लीट मालिकों के लिए इलेक्ट्रिक बसों को अपनाना आसान बनाएगी, क्योंकि इससे उनकी संचालन की लागत में 20 प्रतिशत तक की कमी आएगी। बैटरी स्वैपिंग की प्रक्रिया केवल 3 मिनट में पूरी हो जाती है, जिससे बसों का अपटाईम बढ़ता है और ज्यादा उपयोग सुनिश्चित हो पाता है।

कार्बन उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य

इस समय चल रहे वाहनों में केवल 5 प्रतिशत वाहन बस और ट्रक हैं, लेकिन ये वाहनों से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन में 50 प्रतिशत का योगदान देते हैं। वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट में बैटरी स्वैपिंग की मदद से इलेक्ट्रिक वाहन के अपनाए जाने में 30 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जो कि भारत के जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

समस्याओं का समाधान

सन मोबिलिटी के सीईओ-एचईवी, अशोक अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने बस ऑपरेटर्स के लिए स्वामित्व की ऊँची लागत, फाइनेंसिंग की कमी, लंबी चार्जिंग अवधि जैसी समस्याओं का समाधान करके इस क्षेत्र में नई जान फूंक दी है। वीरा वाहन के साथ उनकी साझेदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

सर्विस नेटवर्क और भविष्य की योजनाएं

सन मोबिलिटी की शुरुआत 2017 में हुई थी, और यह टूव्हीलर्स, थ्रीव्हीलर्स और छोटे फोर व्हीलर सेगमेंट में 26,000 से ज्यादा वाहनों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। कंपनी के पास देश में 630 से ज्यादा बैटरी स्वैपिंग स्टेशन हैं, और यह इंडियन ऑयल के साथ अपने रणनीतिक गठबंधन के माध्यम से देश के 37,000 से ज्यादा फ्यूल स्टेशनों से अपनी बैटरी स्वैपिंग सेवाएं प्रदान करेगी। इस सर्विस नेटवर्क के विस्तार से इलेक्ट्रिक वाहनों का अनुभव और बेहतर हो सकेगा।

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