मनीषा शर्मा। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बेंगलुरु में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई सैन्य कार्रवाई का विस्तृत विवरण साझा किया। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन तकनीकी क्षमता, सटीक योजना और राजनीतिक इच्छाशक्ति का बेहतरीन उदाहरण है। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के हवाई ठिकानों और महत्वपूर्ण सैन्य परिसरों पर लक्षित हमले कर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया।
ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 की अहम भूमिका: 300 किमी दूर से मार
एपी सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन में भारत की वायु रक्षा प्रणाली एस-400 मिसाइल ने गेम-चेंजर की भूमिका निभाई। इस सिस्टम ने पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमान और एक बड़ा विमान, जो संभवतः ELINT या AEW&C था, को 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया। यह हमला अब तक का सबसे लंबी दूरी से किया गया सतह से हवा में मार करने वाला हमला साबित हुआ। एस-400 की रेंज और क्षमता ने पाकिस्तान के विमानों को भारतीय हवाई क्षेत्र के करीब भी नहीं आने दिया।
पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले
एयर चीफ मार्शल ने ऑपरेशन के दौरान मुरीदके और बहावलपुर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों पर हमलों का खुलासा किया। उपग्रह और स्थानीय मीडिया से प्राप्त तस्वीरों से पुष्टि हुई कि इन ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया, जबकि आसपास की इमारतें सुरक्षित रहीं। इसके अलावा, शाहबाज जैकबाबाद एयरबेस पर भी हमला कर एक F-16 हैंगर का आधा हिस्सा नष्ट कर दिया गया। यहां रखरखाव में लगे कुछ F-16 विमान भी क्षतिग्रस्त हुए। इसी तरह, मुरीदके और चकलाला स्थित कमांड और कंट्रोल सेंटरों पर हमलों में 6 रडार सिस्टम को नष्ट किया गया।
पाकिस्तान की हवाई क्षमता को भारी नुकसान
हमलों में एक AEW&C हैंगर को भी निशाना बनाया गया, जिसमें एक AEW&C विमान मौजूद था। पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका था क्योंकि ऐसे विमान हवाई निगरानी और संचार में अहम भूमिका निभाते हैं। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पाकिस्तान का कोई भी विमान हमारी आकाश मिसाइल और अन्य कम रेंज वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के करीब नहीं आ सका। लंबी दूरी की मिसाइलों से उनके विमानों को निशाना बनाया गया और हर बार उन्हें सीमा पार जाने पर मजबूर होना पड़ा।
राजनीतिक इच्छाशक्ति से मिली सफलता
एपी सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का सबसे बड़ा कारण सरकार से मिले स्पष्ट निर्देश और पूरी स्वतंत्रता थी। तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय, CDS की मौजूदगी और NSA की सक्रिय भूमिका ने इस मिशन को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि 80 से 90 घंटे तक चले इस उच्च-तकनीकी युद्ध ने पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया कि उन्हें समझ आ गया कि युद्ध जारी रखने पर भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यही कारण था कि पाकिस्तान ने भारत के DGMO को संदेश भेजकर बातचीत का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने स्वीकार किया।
सरगोधा पर हमले का सपना
एयर चीफ मार्शल ने बताया कि सरगोधा पर हमला करना उनका सपना था, जो सेवानिवृत्ति से पहले पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि बालाकोट हमले के समय भारतीय वायुसेना को अपने ही लोगों को यह समझाना पड़ा था कि हमने क्या हासिल किया, लेकिन इस बार खुफिया जानकारी और सैटेलाइट तस्वीरों से विश्व स्तर पर सबूत पेश किए गए, जिससे बालाकोट जैसी स्थिति नहीं बनी।
ऑपरेशन रोकने का फैसला
ऑपरेशन सिंदूर रोकने के फैसले पर एपी सिंह ने कहा कि कुछ लोग और हमले करने के पक्ष में थे, लेकिन भारत का लक्ष्य स्पष्ट था—आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना और उन्हें सबक सिखाना। जब लक्ष्य हासिल हो गया, तो युद्ध जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यह फैसला भारत के जिम्मेदार रुख को दर्शाता है।
पाकिस्तान को मिला सख्त संदेश
इस ऑपरेशन से पाकिस्तान को यह साफ संदेश गया कि भारत जहां चाहे वहां जाकर हमला करने की क्षमता रखता है। भोलारी में AEW&C हैंगर पर हमला इसी का उदाहरण था, जिसमें मौजूद विमान को भी नुकसान पहुंचा।