मनीषा शर्मा। भारतीय शेयर बाजार ने हाल के महीनों में काफी उतार-चढ़ाव देखा है, लेकिन अब वैश्विक ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने इसे ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है। इस रेटिंग के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जो भारत को वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं। Jefferies का मानना है कि भारत अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है, और यह विश्वास केवल आर्थिक आंकड़ों पर नहीं, बल्कि नीतिगत स्थिरता और वैश्विक निर्भरता से दूर रहने की रणनीति पर आधारित है।
Jefferies ने भारत को ओवरवेट करने के पीछे पांच प्रमुख कारण बताए हैं। पहला कारण है भारत की अमेरिका और चीन पर कम निर्भरता। वर्तमान में जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है, भारत एक संतुलित स्थिति में है। दूसरा कारण है भारत द्वारा लगाए गए अपेक्षाकृत कम टैरिफ, जो वैश्विक व्यापार में भारत की प्रतिस्पर्धा को बनाए रखता है। तीसरा महत्वपूर्ण बिंदु कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट है, जो भारत जैसे आयात-निर्भर देश के लिए आर्थिक लाभ प्रदान करता है। चौथा कारण है विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की कम हिस्सेदारी, जिससे बाजार में वोलैटिलिटी का खतरा सीमित रहता है। अंत में, भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति का रुख, जो महंगाई से ज्यादा ग्रोथ पर केंद्रित है, भारत को और अधिक आकर्षक बनाता है।
Jefferies ने यह भी बताया कि भारत का अमेरिका और चीन की मांग के प्रति सीमित जोखिम एक महत्वपूर्ण बफर है। अमेरिका को भारत का निर्यात देश के सकल घरेलू उत्पाद का केवल 2.3 प्रतिशत है, जिससे अमेरिका की सख्त व्यापार नीति का प्रभाव कम हो जाता है। इसके अलावा, अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो कि चीन, इंडोनेशिया और ताइवान पर लगाए गए शुल्कों की तुलना में कम है।
हालांकि, Jefferies की राय हर क्षेत्र में सकारात्मक नहीं है। IT और मेटल सेक्टर पर उनका रुख अंडरवेट है, क्योंकि तकनीकी सेवाओं में मांग की धीमी रफ्तार और मेटल सेक्टर में वैश्विक कमजोरी के चलते यह नजरिया अपनाया गया है। इसके विपरीत, पावर डिमांड में उछाल को देखते हुए NTPC और कच्चे तेल के दाम में गिरावट के चलते BPCL को पसंदीदा स्टॉक्स में शामिल किया गया है।
सेक्टर वाइज बात करें तो Jefferies को फाइनेंशियल्स, पावर, टेलीकॉम, ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर में आगे की तेजी की उम्मीद है। इन क्षेत्रों में सुधार की गति, डिमांड की मजबूती और सरकार की नीतिगत मदद के चलते लंबी अवधि के निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
Jefferies के अनुसार, भारत सरकार अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के तहत अधिक अनुकूल शर्तें हासिल करने के लिए आश्वस्त है। ब्रेंट क्रूड की कीमतों में गिरावट से भारत को अप्रत्याशित लाभ हो रहा है, जो कि एक प्रमुख शुद्ध तेल आयातक है। इस गिरावट से चालू खाता शेष में सुधार होता है और सरकार को उच्च ईंधन शुल्क से राजस्व में वृद्धि भी मिलती है।