शोभना शर्मा। भारतीय वायु सेना का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण अभ्यास ‘तरंग-शक्ति 2024’ 30 अगस्त से जोधपुर में शुरू हो गया है। इस अभ्यास में 7 देशों के वायुसेना के जवान शामिल होंगे, जबकि 12 देशों के एयर चीफ भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह अभ्यास 14 सितंबर तक चलेगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण मिशनों का अभ्यास किया जाएगा।
7 देशों की वायुसेनाओं की भागीदारी
तरंग-शक्ति 2024 के इस दूसरे चरण में भारत, जापान, अमेरिका, ग्रीस, यूएई, हंगरी, जर्मन एयरफोर्स और स्पेनिश एयरफोर्स के दल भाग लेंगे। इसमें भारत के स्वदेशी फाइटर जेट्स जैसे तेजस और सुखोई अपनी ताकत दिखाएंगे, वहीं जर्मनी और स्पेन की एयरफोर्स के यूरोफाइटर टाइफून भी इस अभ्यास में शामिल होंगे। गुरुवार को विभिन्न देशों के फाइटर जेट्स और उनके अधिकारी जोधपुर एयरबेस पर पहुंच चुके हैं।
12 देशों के एयर चीफ की उपस्थिति
12 सितंबर को 12 देशों के एयर चीफ इस एक्सरसाइज में भाग लेने जोधपुर पहुंचेंगे। पहली बार, अमेरिकी एयरफोर्स चीफ जनरल डेविड डब्ल्यू एल्विन भारतीय स्वदेशी फाइटर जेट तेजस उड़ाएंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूएई, और भारतीय वायुसेना के प्रमुख एक-दूसरे के फाइटर जेट्स में उड़ान भरेंगे, जो इस अभ्यास को और भी महत्वपूर्ण बना देता है।
ग्लोबल डिफेंस इकोसिस्टम में भारत की भागीदारी
तरंग-शक्ति 2024 के जरिए भारत ग्लोबल डिफेंस इकोसिस्टम में अपनी सैन्य शक्ति और सुरक्षा में भागीदारी का संदेश देगा। यह एक्सरसाइज विभिन्न देशों के बीच इंटर ऑपरेटीबिलिटी और इंटेरिगेशन को बढ़ावा देगी, जिससे सैन्य संबंध और मजबूत होंगे। इस अभ्यास से दुश्मन देशों को भी स्पष्ट संदेश मिलेगा कि भारत की वायुसेना पूरी तरह से तैयार और सक्षम है।
भारतीय हथियारों और फाइटर जेट्स का प्रदर्शन
तरंग-शक्ति के दौरान भारत के स्वदेशी फाइटर जेट्स और हथियारों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इससे पहले तमिलनाडु के सुलार में आयोजित पहले चरण में प्रचंड और तेजस ने अपनी ताकत दिखाई थी। अब पश्चिमी राजस्थान की भूमि पर भी इन्हीं फाइटर जेट्स की क्षमता और ताकत का प्रदर्शन किया जाएगा।
विविध मिशनों का अभ्यास
तरंग-शक्ति 2024 के दौरान विभिन्न प्रकार के मिशनों का अभ्यास किया जाएगा, जिसमें विदिन विजुअल रेंज (VVR) कॉम्बेट मिशन, बियोंड विजुअल रेंज (BVR) मिशन, लार्ज फोर्स इंगेजमेंट, एयर मोबिलिटी ऑपरेशन्स, डायनेमिक टारगेटिंग, एयर टू एयर रिफ्यूलिंग मिशन, और कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू शामिल हैं। यह एक्सरसाइज भारतीय वायुसेना की ताकत और सैन्य कौशल को और मजबूत करेगा।
तरंग-शक्ति 2024 भारतीय वायुसेना की शक्ति और कूटनीतिक क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है। यह अभ्यास ना केवल भारत के लिए, बल्कि भाग लेने वाले सभी देशों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।