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भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को नकारा, संघर्ष विराम पर स्पष्टता दी

भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को नकारा, संघर्ष विराम पर स्पष्टता दी

शोभना शर्मा।   भारत ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता के दावे को नकारते हुए स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को खाली करना होगा। विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक प्रेस वार्ता आयोजित की, जिसमें उन्होंने कहा कि कश्मीर पर भारत की स्थिति स्पष्ट है और किसी भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत का यह मानना है कि जम्मू और कश्मीर से संबंधित सभी मुद्दों को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से हल करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई, लेकिन इनमें व्यापार का मुद्दा नहीं उठाया गया। 10 मई को संघर्ष विराम के लिए दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच फोन पर वार्ता हुई थी। इस वार्ता के दौरान भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की आंतरिक तकनीकी दिक्कतों के कारण हॉटलाइन कनेक्ट होने में देरी हुई। भारतीय सेना ने 10 मई की सुबह पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने गोलाबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय लिया।

रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को गोलीबारी रोकने पर मजबूर किया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमलों का जवाब दिया था और जब पाकिस्तान ने फिर से फायरिंग की, तो भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। सीसीएस (सुरक्षा पर कैबिनेट समिति) के फैसले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है। यह संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से शुरू हुई थी, लेकिन पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को स्थगित रखा है। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह तब तक संधि को स्थगित रखेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता।

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंदूर में अपने आतंकी केंद्रों को नष्ट होते देखा है। भारत ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को काफी हद तक कम कर दिया है। रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी ढांचे को निशाना बनाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तानी सेना बाहर रहती, तो कोई समस्या नहीं होती। लेकिन जब पाकिस्तान ने भारत पर गोलीबारी की, तो भारत ने उचित जवाब दिया।

भारत ने यह भी कहा कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनकी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद ही परमाणु एंगल से इनकार किया है।

टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी गई। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया है कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है और इसे आतंकी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर बातचीत में भारत का रुख स्पष्ट और सुसंगत रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा अपने लोगों की सुरक्षा के अधिकार को मान्यता दी है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगा।

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