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ब्रिटेन, रूस और फ्रांस को पीछे छोड़ भारत बना 7 वां शक्तिशाली देश

ब्रिटेन, रूस और फ्रांस को पीछे छोड़ भारत बना 7 वां शक्तिशाली देश

शोभना शर्मा।  दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली देशों की लिस्ट में भारत ने अपनी जगह मजबूत कर ली है। ग्रेट पॉवर्स इंडेक्स 2024 की रिपोर्ट में भारत ने फ्रांस, ब्रिटेन और रूस जैसे देशों को पीछे छोड़ते हुए सातवें नंबर पर जगह बनाई है। इस लिस्ट को ब्रिजवाटर एसोसिएट्स के अरबपति निवेशक रे डालियो की फर्म ने तैयार किया है। इस रैंकिंग को तैयार करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैक्टर्स को ध्यान में रखा गया है जिनमें आर्थिक उत्पादन, सैन्य शक्ति, तकनीकी नवाचार और रिजर्व करेंसी की स्थिति शामिल हैं। इसके अलावा, बुनियादी ढांचा, निवेश, शासन और कानून की स्थिति को भी ध्यान में रखा गया है। इन सभी कारकों के आधार पर 0 से 1 के बीच का कुल शक्ति स्कोर प्रदान किया गया है, जो आने वाले 10 वर्षों में देशों की वास्तविक विकास दर का अनुमान लगाने में मदद करता है।

रूस, फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ा भारत ने

रूस, जो पिछले तीन वर्षों से यूक्रेन के साथ जंग में उलझा हुआ है, इस सूची में 10वें स्थान पर रखा गया है। इसकी शक्ति का स्कोर 0.26 है। रूस की ताकत उसकी प्राकृतिक संसाधनों की संपन्नता और मजबूत सैन्य क्षमता में है। हालांकि, देश की आंतरिक स्थिति, खराब बुनियादी ढांचा और निवेश की कमी के कारण उसकी रैंकिंग को नुकसान हुआ है।

फ्रांस को इस सूची में 9वें स्थान पर रखा गया है जिसका स्कोर 0.27 है। फ्रांस की वैश्विक शक्ति उसकी असाधारण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और सामाजिक भलाई की स्थिति में है। हालांकि, इसकी आर्थिक स्थिति में कई समस्याएं हैं और अगले 10 वर्षों में उसकी वास्तविक वृद्धि दर केवल 0.9% होने का अनुमान है।

ब्रिटेन इस सूची में 8वें स्थान पर है जिसका स्कोर 0.29 है। ब्रिटेन की प्रति व्यक्ति रेटिंग 0.46 है जो यूरोजोन औसत से बेहतर है। हालांकि, प्राकृतिक संसाधनों की कमी और महंगे कार्यबल के कारण उसकी शक्ति में गिरावट देखी गई है।

भारत की बढ़ती ताकत

इस सूची में भारत को 7वें स्थान पर रखा गया है जिसका शक्ति स्कोर 0.30 है। भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी लचीली अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता में निहित है। हालांकि, प्रति व्यक्ति स्कोर केवल 0.07 है जो अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम है।

भारत की प्रमुख चुनौतियों में नवाचार और तकनीकी पहुंच की कमी, भारी भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था की समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा, अमीर और गरीब के बीच की खाई भी एक बड़ी समस्या है। लेकिन, इसके बावजूद भारत की विकास दर आने वाले 10 वर्षों में 6.3% रहने का अनुमान है, जो इस सूची में सबसे अधिक है। भारत के उच्च निवेश स्तर और इसकी विशाल जनसंख्या की मेहनत को विशेष रूप से सराहा गया है।

अन्य शक्तिशाली देश

दक्षिण कोरिया छठे स्थान पर है जिसका स्कोर 0.32 है। इस देश की ताकत तकनीकी नवाचार और कर्ज की कमी में है, लेकिन प्राकृतिक संसाधनों और रिजर्व करेंसी की कमी इसकी कमजोरी है। जापान पांचवें स्थान पर है जिसका स्कोर 0.33 है। जापान की प्रमुख समस्या प्राकृतिक संसाधनों की कमी है, लेकिन उसकी तकनीकी क्षमताएं अब कमजोर होती जा रही हैं।

चौथे स्थान पर जर्मनी है जिसका स्कोर 0.38 है। जर्मनी की सबसे बड़ी ताकत उसकी कुशलता और पूंजी का कुशल आवंटन है, लेकिन कमजोर सेना और प्राकृतिक संसाधनों की कमी उसकी कमजोरी बनी हुई है। यूरोजोन तीसरे स्थान पर है जिसका स्कोर 0.56 है। उसकी प्रमुख ताकतें मजबूत वित्तीय बाजार और वैश्विक व्यापार में प्रभावी भूमिका हैं।

चीन इस सूची में दूसरे स्थान पर है और उसका स्कोर 0.8 है। चीन का बुनियादी ढांचा मजबूत है और उसकी सैन्य शक्ति का निरंतर विकास हो रहा है। हालांकि, उसकी विकास दर आने वाले 10 वर्षों में भारत के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है।

अमेरिका बना सबसे शक्तिशाली देश

अमेरिका अभी भी इस सूची में पहले स्थान पर है जिसका शक्ति स्कोर 0.89 है। उसका प्रति व्यक्ति आंकड़ा 0.79 है जो उसकी वैश्विक शक्ति को दर्शाता है। अमेरिका की ताकत उसका मजबूत पूंजी बाजार, विशाल सैन्य शक्ति और डॉलर की आरक्षित मुद्रा के रूप में स्थिति है।

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