मनीषा शर्मा। जयपुर समेत राजस्थान के सभी जिलों में जमीन और मकानों की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने प्रॉपर्टी की बाजार कीमतों को देखते हुए डीएलसी (जिला स्तरीय कमेटी) रेट में इजाफा किया है। जयपुर में यह वृद्धि दिल्ली बाईपास और मानसरोवर जैसे प्रमुख इलाकों में सबसे अधिक रही है। कुछ स्थानों पर डीएलसी दरें 48% तक बढ़ा दी गई हैं।
दिल्ली बाईपास: सबसे अधिक वृद्धि
दिल्ली बाईपास पर कूकस से लेकर चंदवाजी तक के क्षेत्रों में डीएलसी रेट में 48% तक बढ़ोतरी की गई है। इन क्षेत्रों में तेजी से हो रहे विकास कार्यों और निवेश के चलते प्रॉपर्टी की मांग में वृद्धि हुई है। यहां होटल, रिसॉर्ट, कॉलेज, और मेडिकल सेक्टर से जुड़े प्रोजेक्ट्स ने जमीनों की कीमतों को बढ़ा दिया है। जैतपुरा खिंची, जुगलपुरा, दौलतपुरा और चंदवाजी जैसे इलाकों में भी आवासीय और व्यावसायिक जमीनों की कीमतों में बड़ा उछाल देखा गया है।
मानसरोवर: 34% तक बढ़ी कीमतें
जयपुर के लोकप्रिय आवासीय क्षेत्र मानसरोवर में भी डीएलसी दरें बढ़ाई गई हैं। शिप्रा पथ की 60 फीट और 80 फीट चौड़ी सड़कों पर आवासीय जमीन की कीमत में क्रमशः 34% और 32% का इजाफा किया गया है। पहले 60 फीट सड़क पर डीएलसी दर 11,225 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, जिसे अब 15,000 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, 80 फीट सड़क पर यह दर 13,646 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दी गई है।
मुरलीपुरा, वीकेआई और विद्याधर नगर
जयपुर के अन्य क्षेत्रों जैसे मुरलीपुरा, वीकेआई, और विद्याधर नगर में भी प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ी हैं। मुरलीपुरा के विभिन्न ब्लॉकों में डीएलसी दरें 15% तक बढ़ाई गई हैं। वीकेआई और विद्याधर नगर के मेटल कॉलोनी, जेपी कॉलोनी और अन्य क्षेत्रों में 17% से 22% तक की वृद्धि हुई है।
सिरसी रोड और आसपास के क्षेत्र
सिरसी रोड और उससे जुड़े इलाकों जैसे पांच्यावाला, मीनावाला, कनकपुरा, गोकुलपुरा और बदरवास में भी डीएलसी रेट में 26% तक का इजाफा हुआ है। यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहे हैं, जिससे यहां प्रॉपर्टी की मांग और कीमत दोनों में वृद्धि हुई है।
बढ़ती कीमतों का असर
डीएलसी दरों में इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य सरकारी राजस्व को बढ़ाना और बाजार की वास्तविक कीमतों के करीब पहुंचना है। हालांकि, प्रॉपर्टी विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ोतरी से प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त प्रभावित हो सकती है, क्योंकि इससे प्रॉपर्टी खरीदने वालों को अधिक खर्च करना पड़ेगा।