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कोटा में मित्तल पिगमेंट पर आयकर विभाग का छापा

कोटा में मित्तल पिगमेंट पर आयकर विभाग का छापा

मनीषा शर्मा।  राजस्थान के कोटा शहर में आयकर विभाग की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी सुर्खियों में बनी हुई है। दिल्ली से आई आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार से जिंक कारोबार से जुड़ी प्रमुख कंपनी मित्तल पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड (Mittal Pigment Pvt. Ltd.) के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी, जो बुधवार को भी जारी रही। आयकर विभाग की यह कार्रवाई न केवल स्थानीय उद्योग जगत में बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है।

10 ठिकानों पर एक साथ दबिश

सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग ने कोटा में कंपनी से जुड़े करीब 10 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है। इनमें कंपनी का इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र रोड नंबर 5 पर स्थित प्लांट, कॉर्पोरेट कार्यालय और प्रबंधन से जुड़े प्रमुख लोगों के आवास शामिल हैं। सभी परिसरों को सील कर दिया गया है और किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। छापेमारी के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों को भी बाहर रोक दिया गया है, जिससे कंपनी का पूरा कामकाज ठप पड़ गया है।

कर चोरी की आशंका

आयकर विभाग को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि मित्तल पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने अपने वित्तीय लेन-देन में अनियमितताएं की हैं और बड़े पैमाने पर कर चोरी की आशंका है। इसी सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। जांच टीम कंपनी के बिल, लेन-देन से जुड़े कागजात, बैंक अकाउंट और डिजिटल रिकॉर्ड की बारीकी से जांच कर रही है।

डिजिटल डेटा की गहन पड़ताल

छापेमारी के दौरान विशेष ध्यान कंपनी के कंप्यूटरों और सर्वर में दर्ज डिजिटल डेटा पर दिया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि कर चोरी के सबूत डिजिटल रिकॉर्ड में छिपे हो सकते हैं। टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या कंपनी ने फर्जी कंपनियां बनाकर अवैध लेन-देन किए हैं या आय को छिपाकर टैक्स चोरी की है।

कोटा तक सीमित नहीं कार्रवाई

जानकारों के अनुसार, यह कार्रवाई केवल कोटा तक सीमित नहीं है। आयकर विभाग की नजर कंपनी के दिल्ली और अन्य शहरों में मौजूद कार्यालयों पर भी है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में दिल्ली और अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी हो सकती है। इससे स्पष्ट है कि विभाग की यह जांच व्यापक स्तर पर चल रही है और इसमें बड़े खुलासे हो सकते हैं।

उद्योग जगत में हलचल

मित्तल पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड जिंक और खनन उद्योग में एक स्थापित नाम है। कंपनी लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय है और इसका कारोबार कोटा सहित कई शहरों तक फैला हुआ है। ऐसे में इस औद्योगिक इकाई पर छापेमारी ने उद्योग जगत में हलचल मचा दी है। कारोबारी जगत में यह चर्चा है कि अगर जांच में बड़े पैमाने पर कर चोरी साबित होती है, तो कंपनी की छवि और कारोबार दोनों पर गहरा असर पड़ेगा।

अधिकारियों की कड़ी निगरानी

आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी के दौरान किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी है। सभी दस्तावेजों और रिकॉर्ड को सुरक्षित कर लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी से जुड़े हर वित्तीय लेन-देन की बारीकी से जांच की जाएगी। जांच पूरी होने तक किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की जाएगी।

संभावित बड़े खुलासे

आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि अब तक की कार्रवाई में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड बरामद हुए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इनसे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कंपनी ने किस तरह से टैक्स चोरी की योजना बनाई और किन तरीकों से अवैध लेन-देन किया। यह भी संभावना है कि जांच में कंपनी से जुड़े अन्य कारोबारी नेटवर्क और सहयोगी इकाइयों पर भी सवाल उठ सकते हैं।

कर चोरी पर सख्त रुख

हाल के वर्षों में आयकर विभाग ने खनन और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़े कई बड़े कारोबारी समूहों पर छापेमारी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अब इस क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। मित्तल पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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