शोभना शर्मा। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) को शनिवार को खुद का भवन मिल गया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस बीआर गवई ने जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट परिसर के पास स्थित विधिक सेवा सदन और मिडिएशन सेंटर का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संदीप मेहता, राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव, और राजस्थान हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित थे।
इस खास मौके पर जस्टिस बीआर गवई ने विधिक सेवा सदन जाने वाली सड़क का नाम “विधिक सेवा मार्ग” रखा। उद्घाटन समारोह के दौरान जस्टिस गवई ने विधिक सेवा सदन की सभी सुविधाओं का अवलोकन किया, जिसमें स्वागत कक्ष, मिडिएशन सेंटर, और अत्याधुनिक कॉन्फ्रेंस हॉल शामिल हैं। उन्होंने कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यक्रम में रालसा के नए लोगो और बैच का अनावरण किया। वॉलिंटियर्स को बैच प्रदान करते हुए उन्होंने रालसा की भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाने की बात कही।
भवन निर्माण की कहानी और इतिहास
रालसा का यह भवन, जो करीब 3,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है, वर्ष 2019 में राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और तत्कालीन रालसा कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद रफीक के प्रयासों से अस्तित्व में आया। तत्कालीन सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन ने इस भवन के लिए विस्तृत योजना तैयार की थी। 2019-2020 में राज्य सरकार ने वन भवन को रालसा को सौंपा, और इसके निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति दी गई।
रालसा के वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस पंकज भंडारी ने इस परियोजना को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी देखरेख में रालसा की पूरी टीम ने अथक मेहनत कर भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया। इस भवन में आने वाले पक्षकारों और वॉलिंटियर्स के लिए स्वागत कक्ष, मिडिएशन सेंटर, और कॉन्फ्रेंस हॉल जैसी सुविधाएं बनाई गई हैं।
आधुनिक सुविधाओं के फायदे
विधिक सेवा सदन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यहां आने वाले पक्षकारों को एक सहज और सकारात्मक वातावरण मिले। मिडिएशन सेंटर में मध्यस्थता के माध्यम से राजीनामा योग्य प्रकरणों का निस्तारण करने की कोशिश की जाएगी। यह सुविधा विवादों को अदालत के बाहर सुलझाने में मदद करेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
स्वागत कक्ष और कॉन्फ्रेंस हॉल जैसी सुविधाएं न केवल न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं के लिए उपयोगी हैं, बल्कि इसे आम नागरिकों के लिए भी सुलभ और लाभकारी बनाया गया है। इन आधुनिक संसाधनों से रालसा की कार्यक्षमता में सुधार होगा और अधिक मामलों को त्वरित और प्रभावी तरीके से सुलझाया जा सकेगा।
विधिक सेवा मार्ग का महत्व
“विधिक सेवा मार्ग” नामकरण से यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि न्याय प्रणाली को जनता के और करीब लाना रालसा का उद्देश्य है। यह नाम न केवल इस सड़क की पहचान को दर्शाता है, बल्कि न्याय और सेवा के प्रति रालसा की प्रतिबद्धता को भी प्रकट करता है।
न्याय और सेवा का केंद्र
यह भवन न केवल राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का कार्यस्थल है, बल्कि न्याय और सेवा का एक केंद्र भी है। यहां पर आने वाले लोग अपने विवादों को मिडिएशन के जरिए सुलझा सकते हैं। साथ ही, वॉलिंटियर्स और न्यायाधीशों के लिए एक सकारात्मक कार्यस्थल के रूप में इसका निर्माण किया गया है।