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राजस्थान में सोने की ज्वेलरी में मिलावट: जांच में 85% गहनों में शुद्धता की कमी

राजस्थान में सोने की ज्वेलरी में मिलावट: जांच में 85% गहनों में शुद्धता की कमी

शोभना शर्मा।   भारत में आज भी सोने को सर्वश्रेष्ठ निवेश माना जाता है, लेकिन राजस्थान में सर्राफा व्यापारी आम जनता को धोखा दे रहे हैं। प्रदेशभर में खोटा सोना और नकली ज्वेलरी बेची जा रही है, जिसमें सोने की मात्रा नगण्य है। अगर आपने भी सोने की ज्वेलरी खरीदकर अपने घर में सहेज रखी है, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि उसमें भी बड़ी मिलावट हो सकती है।

सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी की लैब में जांचे गए 1040 गहनों में सोना 0% तक पाया गया। ज्यादातर दो ग्राम वजन तक के गहनों में बिल्कुल भी सोना नहीं था। छोटे गहनों में खोट ज्यादा है, खासकर पुराने गहनों में मिलावट ज्यादा पाई गई है। जांच में पाया गया कि 10% गहनों में 60% तक सोना था, जबकि 85% गहनों में 80% से कम सोना था।

आम दिनों में सर्राफा बाजार में लौंग जैसे सोने के आइटम सबसे ज्यादा बिकते हैं, जिनमें 60% तक ही सोना मिला है, जबकि इनको 22 कैरेट यानी 91.6% सोने का बताकर बेचा जाता है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने दो ग्राम से कम वजन के सोने के गहनों के लिए हॉलमार्क अनिवार्य नहीं किया है, जिससे इनमें मिलावट की शिकायतें ज्यादा हैं।

दिल्ली और मुंबई से आ रहे गहनों पर एक समान एचयूआईडी नंबर होने के कारण शुद्धता को लेकर गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि ज्वेलर्स केवल हॉलमार्क ज्वेलरी ही बेचते हैं। पुराने गहनों में खोट ज्यादा मिली है, क्योंकि उस समय शुद्धता की निगरानी की व्यवस्था नहीं थी। दो ग्राम से कम वजनी गहनों में शुद्धता सबसे कम है। गांव और कस्बों में 91.6% सोना बताकर 20-30% सोना बेचा जा रहा है, क्योंकि हॉलमार्क की व्यवस्था सिर्फ बड़े शहरों में ही लागू है। इस कारण से गांवों और छोटे जिलों में ज्वेलर्स बिना हॉलमार्क के गहने बेच रहे हैं।

 

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